जहरीली शराब कांड के बाद छपरा में छापेमारी, जदयू नेता के घर से मिली देसी और विदेशी शराब, एक महिला हिरासत में
जहरीली शराब कांड के बाद बिहार पुलिस और आबकारी विभाग छपरा में छापेमारी कर रही है। इस दौरान जदयू नेता के घर से देसी और विदेशी खराब बरामद हुई है। एक महिला को हिरासत में लिया गया है।
जहरीली शराब से मौत के बाद हो रही है छपरा में छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बिहार के सारण जिले के छपरा में जहरीली शराब हुई मौतें ने राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया है। विपक्षी बीजेपी ने महागठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद नीतीश सरकार ने हरकत में आई। धरपकड़, छापेमारी अभियान तेज कर दिया। इसी सिलसिले में छापेमारी के दौरान छपरा पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने जदयू नेता के मढ़ौरा स्थित घर से शराब बरामद की। कामेश्वर जदयू के राज्य परिषद सदस्य हैं। राजनेता के स्वामित्व वाले किराए के घर में देसी और विदेशी ब्रांडों की शराब पाई गई। हालांकि जेडीयू नेता अपने मढ़ौरा आवास पर नहीं रहते हैं। इस मकान में किराएदार के रूप में सरोज महतो और उसकी पत्नी रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक छापेमारी के बाद पुलिस ने घर की एक महिला को हिरासत में लिया गया है।
बिहार एक ड्राई स्टेट है यानी यहां शराब बंदी कानून लागू है। शराब पीना और बेचना दोनों पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद हाल ही में राज्य में जहरीली शराब पीने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। जो शराब पीएगा, वो मरेगा ही। यहां तक कि उनकी पुलिस को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इतनी बड़ी मात्रा में जहरीली शराब कहां से आई।
बिहार आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 42 है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए मानवाधिकार कैसे आते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद समेत पार्टी सदस्यों ने बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के मुद्दे को लोकसभा में उठाया और इसकी जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के एक उच्चस्तरीय दल से कराने की मांग की।
रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि बिहार में जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन राज्य में इनका पोस्टमार्टम नहीं कराया जा रहा है तथा विसरा संग्रहित नहीं किया गया है।उन्होंने कहा कि यह मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला है, इसलिए मानवाधिकार आयोग को वहां जाना चाहिए। प्रसाद ने कहा कि मरने वालों में बच्चे हैं, दलित हैं, पिछड़े हैं। यह बहुत ही गंभीर मामला है।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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