तीन राज्यों में दिखेगा रफ्तार का भौकाल, बनने वाला है 695 KM लंबा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे

Raxaul-Haldia Expressway : देश के तीन राज्यों को एक सड़क सूत्र में बांधने के लिए हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे अहम भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है। 695 किलोमीटर लंबे इस हाईटेक प्रोजेक्ट के विकसित होने से 100-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ा सकेंगे। आइये जानते हैं यह मार्ग किन शहरों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाएंगा और इसकी खासियतें क्या हैं?

हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे

Raxaul-Haldia Expressway : बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए हाईटेक सड़क मार्ग (Hi-Tech Roadway) का विकास किया जा रहा है। तीन राज्यों में से होकर गुजरने वाले 695 किलोमीटर हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे परियोजना पर तेजी के साथ काम चल रहा है। खासकर, बिहार के लिए ये हाईटेक मार्ग वरदान साबित होगा। राज्य में 695 में से 367 किमी की दूरी कवर करेगा। यह पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे होगा, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह दोनों ओर से घिरा रहेगा। ताकि, बाहरी जानवर इत्यादि अंदर न आ सकें। पूरी तरह एक्सीडेंट कंट्रोल रखने के लिए लिहाज से इसको बनाया जा रहा है। चूंकि, इसमें अधिकतम स्पीड लिमिट 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। तो चलिए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे को बनाने में कितना बजट खर्च किया जा रहा है और इसकी खासियतें क्या हैं?

एक्सप्रेसवे

क्या होते हैं एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे

भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे लगभग एक्सेस कंट्रोल (Access Control) हैं। एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे उन मार्गों को कहा जाता है, जो आमतौर पर हाईस्पीड वाहनों के लिए तैयार किए जाते हैं। इन खास सड़क मार्गों पर धीमी रफ्तार में चलने वाले वाहनों को अनुमति नहीं होती है।

हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे डीपीआर को हरी झंडी (Raxaul Haldia Expressway DPR)हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे के निर्माण की डीपीआर को हरी झंडी मिल चुकी है। यह पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में 695 किलोमीटर की दूरी कवर करेगा। ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे (Green Field Access Control Expressway) झारखंड राज्य के दो जिलों देवघर में 65 किलोमीटर और जामताड़ा में 50 किमी दूरी का शामिल करते हुए हल्दिया बंदरगाह (Haldia Port) को कनेक्ट करेगा। प्रारंभिक परियोजना को 4 से 6 लेन तक प्रस्तावित किया गया है। यह बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल और उधर पश्चिम बंगाल में हल्दिया तक बनेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार इसके चालू होने से देवघर और पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय केवल तीन घंटे में पूरा होगा।

एक्सप्रेसवे

हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेसवे रूट मैप (Raxaul Haldia Expressway Route Map)बिहार में 367 किलोमीटर तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए 20,000 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई, यह बढ़ भी सकती है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका से गुजरेगा। एक्सप्रेसवे रक्सौल से शुरू होगा और पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर, बेगूसराय से होकर आगे बढ़ेगा। आगे सूर्यागढा से मलयपुर, चिरयंदी, बांका के कटोरिया, देवघर के मोहनपुर-नागपुर, घोरमारा, सोनारायताढ़ी तक नए पुल के जरिए गंगा नदी (Ganga River) को पार करेगा। फिर आगे जामताड़ा में पालोजोरी, कुंडलित, बोलपुर, आरामबाग, राजहट्टी, पूर्वी मिदनापुर और अंत में हल्दिया बंदरगाह तक जाएगा। पश्चिम बंगाल के आसमसोल-दुर्गापुर को कवर करेगा।

हल्दिया बंदरगाह से जुड़ेगा एक्सप्रेसवे

इस परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए एनएचएआई 60,000 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इससे बिहार और झारखंड सीधे बंदरगाह से कनेक्ट होंगे। यह सड़क मार्ग खदानों और खनिजों के परविहन के लिए काफी हद तक फायदेमंद साबित होगी। साथ ही हल्दिया पोर्ट से साथ कनेक्टिविटी बढ़ने से बिहार और झारखंड दोनों को सयुंक्त रूप से लाभ होने वाला है। कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियों के साथ पर्यटन को व्यापक तौर पर बढ़ावा मिलेगा। साथ इसके समानांतर लिंक रोड हाईवे और नए पुल बनने से अन्य शहरों के लिए यातायात काफी सुगम होगा।

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