Sharad Yadav: अपनी शर्तों पर जीने वाले नेता, जिन्होंने लालू से दोस्ती भी निभाई और 'दुश्मनी' भी

Sharad Yadav: दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया। वो 75 साल के थे। शरद यादव पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। शरद यादव बिहार की राजनीति के वो नाम थे, जिसे शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। एमपी में पैदा हुए शरद यादव बिहार से ही राजनीति करते थे।

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कभी लालू यादव के धुर विरोधी थे शरद यादव

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Sharad Yadav: बिहार के दिग्गज नेता, समाजवादी विचारों से प्रभावित, लालू को उखाड़ फेंकने वाली टीम का हिस्सा और अपनी शर्तों पर जीने वाले नेता... शरद यादव कुछ इसी तरह से इतिहास में याद किए जाएंगे। हालांकि जीवन के अंतिम पड़ाव में वो उसी लालू यादव के पास चले गए, जिनके खिलाफ उन्होंने कभी राजनीति में बुलंदियों को छुआ था। इन्होंने दोस्ती और 'दुश्मनी' दोनों खूब निभाई। लालू से राजनीतिक दोस्ती टूटी तो सत्ता से उखाड़ फेंकने में जुट गए और फिर दोस्ती हुई तो उस नीतीश का भी साथ छोड़ दिया, जिनके साथ मिलकर कभी लालू से गद्दी छिनी थी।

लालू को उखाड़ने में भूमिका

बिहार में लालू यादव जब एकछत्र राज कर रहे थे तब उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने में शरद यादव ने बड़ी भूमिका निभाई थी। जिस तिकड़ी के सहारे भाजपा, जदयू के साथ बिहार में सत्ता में आई थी, उसमें शरद यादव भी शामिल थे। इनके अलावा नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस का नाम इस लिस्ट में शामिल है। तीनों एक ही पार्टी के नेता थे। शरद यादव तो मधेपुरा से लालू के खिलाफ कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें उन्होंने राजद सुप्रीमो को मात भी दिया है और मात खाई भी है। हालांकि राजनीति की शुरुआत में सभी दोस्त हुआ करते थे।

नीतीश से अलगाव

शरद यादव एक समय में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे। राजनीति में नीतीश और शरद की जोड़ी हिट थी। 2015 में शरद यादव, नीतीश कुमार के साथ लालू यादव के साथ गठबंधन में आ गए, राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी, लेकिन 2017 में नीतीश, लालू से अलग हो गए और फिर से भाजपा के साथ चले गए। नीतीश के इस फैसले से शरद खफा हो गए, उन्होंने इसका विरोध किया। जिसके कारण वो जदयू से बाहर हो गए।

अंतिम पड़ाव में लालू के साथ

नीतीश से अलग होने के बाद शरद यादव ने 2018 में अपनी अलग पार्टी बना ली, लेकिन सफल नहीं रहे। जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में अपनी पार्टी का लालू यादव की पार्टी में विलय करा दिया।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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