पटना के घाट पर छठव्रती कैसे देंगे भगवान भास्कर को अर्घ्य? दलदल और कीचड़ से बढ़ी मुसीबत

Chhath 2024: बिहार की राजधानी पटना के घाट पर बार भले ही जलस्तर कम गया है, लेकिन घाटों पर कीचड़ और दलदल की समस्या है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। जिन जगहों पर कीचड़ और दलदल की समस्या है, वहां मिट्टी डालकर समतल करने की कोशिश की जा रही है।

फाइल फोटो।

Chhath 2024: बिहार की राजधानी पटना में इस साल छठव्रतियों की चिंता बढ़ी हुई है। गंगा के जलस्तर में कमी होने के साथ अधिकतर घाटों पर दलदल की स्थिति बनी हुई है। घाट तक पहुंचने के लिए रास्ते मे कीचड़ है, इससे निपटना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है। गंगा के अधिकांश घाटों की कमोवेश यही हालत है। हालांकि, जिला प्रशासन और नगर निगम ने छठ व्रतियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। महापर्व छठ में अभी करीब एक पखवाड़े का समय है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि गंगा के जलस्तर में कमी आएगी। नगर निगम और जिला प्रशासन गंगा तट पर दलदल वाले स्थानों पर मिट्टी भरकर समतल करने में जुटा है।

21 सेक्टरों में बंटे घाट

पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर कहते हैं कि स्थानीय पूजा समितियों से समन्वय कर छठ महापर्व के पहले घाटों को मानकों के अनुसार तैयार करने का कार्य तेज़ी से चल रहा है। गंगा नदी के किनारे 109 प्रमुख घाटों को 21 सेक्टर में विभाजित करते हुए डेडिकेटेड टीम क्रियाशील है। सुविधायुक्त एवं दुर्घटना-रहित छठ पूजा सम्पन्न कराने के लिए सभी पदाधिकारियों को सजग एवं तत्पर रहने का निर्देश दिया गया है।

जलस्तर को देखते हुए बैरिकेडिंग की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि घाटों में जलस्तर को देखते हुए बैरिकेडिंग की जाएगी। खतरनाक घाट की पहचान, जलस्तर और दलदल की स्थिति देखने को लेकर चार कार्यपालक अभियंता प्रतिनियुक्त किए गए हैं। बताया गया कि घाटों पर मिट्टी की मोटी परत जमी है, तो कहीं इतना दलदल है कि गंगा तक पहुंच पाना मुश्किल है। कई घाटों पर मिट्टी का कटाव होने पर पानी ऊपर आ रहा है, इससे मजदूरों को भी काम करने में काफी परेशानी हो रही है।

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