Patna: पटना में गंगा पर छह लेन पुल निर्माण का टेंडर जारी, 42 माह में होगा पूरा, इन जिलों को मिलेगा फायदा

Patna: राजधानी पटना और उत्तर बिहार को और करीब लाने के लिए गंगा नदी पर छह लेन पुल निर्माण कार्य शुरू हो गया। मंत्रालय द्वारा पुल निर्माण का टेंडर जारी किया गया है। जिसकी प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण शुरू हो जाएगा। इस पुल को जेपी सेतु के बगल में दीघा और सोनपुर के बीच बनाया जाएगा।

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गंगा नदी पर बना जेपी सेतु

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पटना में यह गंगा नदी पर सातवां पुल होगा
  • पुल निर्माण पर 2,635 करोड़ रुपये होंगे खर्च
  • पुल निर्माण के लिए 31 जनवरी को जारी हुआ टेंडर

Patna: राजधानी पटना को उत्तर बिहार को और करीब लाने के लिए गंगा पर छह लेन पुल निर्माण पर कार्य शुरू हो गया। यह पुल दीघा और सोनपुर के बीच गंगा नदी पर बनने वाला सातवां पुल होगा। इस केबल-स्टे ब्रिज के निर्माण के लिए 2,635 करोड़ रुपये प्रस्तावित हुए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पुल निर्माण के लिए बीते 31 जनवरी को टेंडर जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार एजेंसी का चयन की प्रक्रिया कुछ दिन में पूरी हो जाएगी। जिसके बाद पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस पुल को

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल (जेपी सेुत) के पश्चिमी तरफ बनाया जाएगा।

इस परियोजना से जुड़े एक इंजीनियर ने बताया कि, इस पुल की इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) पर करीब 2,635.89 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। टेंडर लेने वाली कंपनी को इस पुल का निर्माण 42 महीने में पूरा करना होगा। इसके अलावा निर्माण करने वाले कंपनी पर ही पुल शुरू होने के बाद साढ़े तीन साल तक इसकी देखरेख करने की जिम्‍मेदारी भी होगी। यह पुल पटना में बन रहे रिंग रोड का एक अहम हिस्‍सा है। इसे एनएच-139डब्‍ल्‍यू से जोड़ा जाएगा। इसका सीधा फायदा उत्‍तर राज्‍य के शहरों में रहने वाले लोगों को मिलेगा।

इस पुल से राजधानी पटना और उत्तर बिहार आएंगे और करीब

जेपी सेतु के सामान्‍तर बनने वाले इस पुल की पहुंच पथ समेत कुल लंबाई 6.92 किलोमीटर होगी। इसमें पुल का हिस्सा 4.55 किलोमीटर होगा। यह पुल दीघा से शुरू होकर सोनपुर तक जाएगा। यह एक एक्स्ट्रा-डोज्ड केबल ब्रिज होगा। मतलब इसके पुल के बीच में सिर्फ दो खंभे खड़े किए जाएंगे। इस खंभे के साथ ही केबल द्वारा पूरे पुल को खड़ा किया जाएगा। ऐसे पुलों में, 50 प्रतिशत भार केबल पर और 50 प्रतिशत डेक पर पड़ता है। इस तरह पुल के निर्माण से मजबूती मिलने के साथ लागत और समय की बचत भी होती है। इस नये पुल के बन जाने के बाद पटना और उत्तर बिहार के बीच संपर्क और सुगम हो जाएगा। इससे पटना, सरन, वैरीजली, मुजफ्फरपुर, पूर्व और पश्चिम चंपरण जिलों के निवासियों के अलावा बोध गया, वैरीजली, लौरिया और केसरिया के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

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