रंग ला रही मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, रोजगार के अवसर पैदा कर रही महिलाएं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरुआत से ही बिहार के विकास को नई दिशा देने की कोशिश करते रहे हैं। विकास कार्यों के साथ-साथ राज्य में बेरोजगारी को कम करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग समेत कई अन्य विभागों में बड़े पैमाने पर बहाली प्रक्रिया शुरू की गई।

फाइल फोटो।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कई सारी योजनाएं रंग ला रही है। खासकर महिलाओं को सबल बनाने और युवाओं को रोजगार देने वाली योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी दिख रही हैं। इन योजनाओं के अलावा राज्य में बड़े पैमाने पर नौकरियां भी दी जी रही हैं। नौकरी देने के साथ-साथ राज्य में सरकार लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कई योजनाएं चला रही है। जैसे मुख्यमंत्री अति पिछड़ा उद्यमी योजना, जीविका समूहों का गठन करके राज्य में जीविका को बढ़ावा देना और समूह को बढ़ाना। उद्योग विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

राज्य में चल रही हैं कई योजनाएं

इन योजनाओं को चलाने के पीछे मकसद यह है कि अधिक-से-अधिक लोग रोजगार से जुड़ें एवं उनकी आर्थिक स्थिति में बेहतरी आए, क्योंकि लोगों की आर्थिक स्थिति जितनी अच्छी होगी, राज्य उतना ही विकास के पथ पर अग्रसर होगा। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के द्वारा दिवंगत कर्पूरी ठाकुर के जन्म दिवस के अवसर पर 24 जनवरी, 2018 को प्रारंभ किया गया था। इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री अत्यन्त पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना को प्रारंभ किया गया। जीविका योजना लाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दिखाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाते रहते हैं। उन्होंने महिलाओं के कहने पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की थी।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

नीतीश सरकार ने महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए वर्ष 2021 में 'मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना' प्रारम्भ की। इस योजना के तहत उद्यम लगाने के लिए महिलाओं को सरकार एकमुश्त 10 लाख रुपये देती है। इस योजना का लक्ष्य है बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना। इस योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें 5 लाख रुपये तक अनुदान के रूप में एवं 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सरकार से लोन मिलने के बाद मात्र 5 लाख रुपये को एक साल के बाद 84 आसान मासिक किस्तों में जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। केवल मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में एक प्रतिशत का ब्याज लिया जाता है।

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