बिहार में बाघ का आतंक, रात में आता है हमला कर भाग जाता है, दहशत में सीतामढ़ी के लोग

बिहार में एक बार फिर बाघ की दहशत फैल गई है। इस बार सीतामढ़ी में लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले 5 दिन से बाघ ने आतंक मचा रखा है। वन विभाग की टीम पिछले 5 दिनों से बाघ की तलाश में जुटी है। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है। TIMES NOW नवभारत की टीम भी सीतामढ़ी में टाइगर की तलाश के मिशन में हैं। देखिए रिपोर्ट।

मुख्य बातें
  • कुछ दिनों से सीतामढ़ी में बाघ की मौजूदगी
  • खेत में काम कर रही 2 महिलाओं पर हमला
  • हमले में दोनों महिलाएं गंभीर रूप से घायल

बिहार में एक बार फिर बाघ की दहशत देखी जा रही है। टाइगर के टेरर का सेंटर प्वाइंट है सीतामढ़ी। जहां पिछले 5 दिन से बाघ ने आतंक मचा रखा है। हालात ऐसे हैं कि लोगों का घरों से निकलना थम गया है। बाघ के हमले में अबतक 2 महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो चुकी हैं। बीती रात बाघ ने 2 घोड़ों को मार डाला। वन विभाग की टीम पिछले 5 दिनों से बाघ की तलाश में जुटी है। लेकिन अबतक बाघ का कोई सुराग नहीं मिला है। सीतामढ़ी के खरका गांव में बाघ के पंजों के कई निशान मिले हैं।

TIMES NOW नवभारत के संवाददाता साकेत कुमार सीतामढ़ी में टाइगर की तलाश के मिशन में हैं। साकेत उस जगह पर पहुंचे जहां बाघ के पैरों के निशान साफतौर पर दिख रहे हैं। साकेत उस पूरे रूट पर गए। जहां से बाघ गुजरा। खेतों में भी कई जगह बाघ के पैरों के निशान दिखे। साकेत की एक और रिपोर्ट देखिए

बिहार में बाघ का आतंक

  • सितंबर 2019 में पश्चिमी चंपारण में किसान की जान ली।
  • फरवरी 2021 में बेतिया में 2 लोगों को मार डाला।
  • मई 2022 में पश्चिमी चंपारण में जानवरों पर हमला।
  • सितंबर-अक्टूबर 2022 में बगहा में 10 लोगों को मार डाला।
  • जनवरी 2023 में बगहा में 2 बच्चियों पर हमला।
  • जनवरी 2023 में सीतामढ़ी में 2 महिलाएं घायल।
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टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

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