बजट में बिहार को मिली रफ्तार की सौगात, 26 हजार करोड़ से बनेंगे पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे

Union Budget 2024-25: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट 23 जुलाई यानी मंगलवार को संसद में पेश किया। बिहार के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ चार नए एक्सप्रेसवे विकसित करने के लिए बड़ा बजट दिया गया है।

बिहार में बनेंगे नए एक्सप्रेसवे

Union Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवां बजट पेश करते हुए बिहार को विशेष सौगात दी हैं। इस बजट में उन्होंने में कृषि, युवाओं को सौगात देने के साथ बिहार के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़े बजट का प्रावधान दिया है। रोड कनेक्टिविटी में पटना-पूर्णियां एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया-वैशाली 2 लेन ब्रिज पुल गंगा बक्सर तक बनाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 26 हजार करोड़ का बजट दिया है। वित्त मंत्री ने कहा की सड़क संपर्क परियोजनाओं पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा के विकास में भी सहयोग करेंगे और बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ रुपये की लागत से एक अतिरिक्त दो लेन का पुल बनाया जाएगा।

बिहार के एक्सप्रेसवे के लिए 26,000 करोड़ रुपये

केंद्र ने मंगलवार को बिहार में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अपने बजट में कहा कि केंद्र सरकार बहुपक्षीय विकास एजेंसियों की सहायता के माध्यम से बिहार को वित्तीय सहायता की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बिहार में हवाईअड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी। केंद्र बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना भी लाएगा। सीतारमण ने कहा कि सरकार पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए औद्योगिक गलियारे का समर्थन करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराएगी, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी शामिल होगा।

गया में औद्योगिक कॉरिडोर

भारत सरकार महत्त्वपूर्ण औद्योगिक शहरों को आपस में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से अमृतसर, दिल्ली और कोलकाता के बीच औद्योगिक कॉरिडोर (ADKIC) का निर्माण करेगी। इस औद्योगिक कॉरिडोर में गया का महत्त्वपूर्ण स्थान होगा। गया को इस कॉरिडोर के प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी माना कि नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना पूरी तरह विकसित नहीं हो पायी है जिस वजह से बिहार अक्सर बाढ़ का शिकार होता रहता है। सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी।
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