खुशखबरी! बिहार के इन 11 स्टेशनों से जल्द चलेगी वंदे भारत, पटरियों को किया जा रहा दुरुस्त
बिहार के लोगों के लिए अच्छी खबर है। बिहार के 11 स्टेशनों से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें चलाने के लिए योजना बनाई गई है। कहा जा रहा है कि इसी साल जून में इन स्टेशनों से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसके लिए ट्रैक को ठीक किया जा रहा है और सभी चीजें दुरुस्त की जा रही हैं।
वंदे भारत ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन ने भारतीय रेलवे की सूरत ही बदल दी है। यह ट्रेन देखते ही देखते इतनी फेमस हो गई है कि हर राज्य अब अपने शहरों के लिए वंदे भारत की चाहत रखता है। लेकिन इस बार बिहार के लोगों के लिए बहुत बड़ी खबर है। बिहार में 11 स्टेशनों से वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी है। रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद सोनपुर, समस्तीपुर, दानापुर, धनबाद, पंडित दीनदयाल उपाध्याय डिवीजनों ने नई वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की तैयारी भी शुरू कर दी है।
दरअसल यात्रियों की मांग को देखते हुए बिहार के 11 स्टेशनों से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें चलाए जाने की योजना है। सोनपुर डिवीजन का सबसे बड़ा स्टेशन मुजफ्फरपुर भी इन 11 स्टेशनों में शामिल है। मुजफ्फरपुर के अलावा 10 अन्य स्टेशन भी जल्द ही वंदे भारत की आगवानी करेंगे। जिन 11 स्टेशनों से वंदे भारत ट्रेन चलाई जानी हैं, उनके डिवीजनों के डीआरएम ने वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के संचालन के लिए रेल लाइनों की जांच भी शुरू कर दी है।
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इसी जून में चलेंगी ट्रेनें4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसी साल जून महीने से इन 11 स्टेशनों से वंदे भारत का संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे कर्मचारी वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों को चलाने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। यहां पर जनशताब्दी एक्सप्रेस और श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों को अमृत भारत ट्रेनों में बदलने की योजना है।
ज्ञात हो की पटना हावड़ा और पटना रांची सहित देश में इस समय 52 जनशताब्दी ट्रेनें अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर-वलसाड सहित देश में कुल 137 श्रमिक ट्रेनें भी चल रही हैं। पहले देश में करीब पौने तीन सौ श्रमिक ट्रेनें चलती थीं।
इतिहास के झरोखे सेजिन शताब्दी ट्रेनों को वंदे भारत से बदला जा रहा है, उन्हें साल 1988 में तत्कालीन रेलमंत्री माधव राव सिंधिया ने शुरू किया था। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मशताब्दी के अवसर पर शताब्दी ट्रेन शुरू की गई थी। पहली शताब्दी ट्रेन नई दिल्ली से झांसी स्टेशन के बीच चली थी।
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आज देश आजादी के 100 वर्ष की तरफ अग्रसर है और इसे अमृत काल कहा गया है। यही कारण है कि इन ट्रेनों के स्थान पर अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं। कई सांसदों ने भी वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें चलाने की मांग की थी। बिहार के 11 स्टेशनों से जब यह ट्रेनें चलेंगी तो इन सांसदों के पास भी अपनी जनता के सामने अपनी उपलब्धियां बताने का अवसर होगा।
किन रूटों पर चलेंगी वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनेंईस्ट-सेंट्रल रेलवे के 11 रूटों में मुजफ्फरपुर-दिल्ली, मुजफ्फरपुर-हावड़ा, सहरसा-हावड़ा, साउथ बेंगलुरु सिटी-दानापुर, पटना-नई दिल्ली (स्लीपर वर्जन), दरभंगा, जयनगर, रक्सौल आदि जगहों से वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें चलाए जाने की योजना है। रेलवे बोर्ड का कहना है कि ट्रेनों के रखरखाव, बुनियादी ढांचे की व्यवस्था भी साथ के साथ करें। कहा गया है कि वॉशिंग पिट पर OHE (बिजली के ओवर हेड तार) को ठीक करवा लिया जाए।
इंटरलॉक गेट के साथ ही ट्रेनों के बेहतर रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे की व्यवस्था भी की जा रही है। वॉशिंग पिट पर 430 वोल्ट की बिजली आपूर्ति के लिए भी कहा गया है। वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के संचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के सभी रेलखंडों के पुल-पुलिया के गार्डर बदले जाने का काम भी शुरू हो चुका है। सोनपुर मंडल में मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रूट पर लगभग 2 दर्जन पुल-पुलियों के गार्डर बदलने का काम चल रहा है।
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