कौन हैं पटना के SDM श्रीकांत खांडेकर? जिन पर भारत बंद के दौरान पुलिस ने बरसा दी लाठी
Bharat Bandh: बिहार की राजधानी पटना में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ गया। लाठीचार्ज करके सभी प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया गया। इसी दौरान पटना के एसडीएम भी मिस्टेक से लाठीचार्ज के शिकार हो गए।
SDM श्रीकांत खांडेकर।
Bharat Bandh: आज दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया। एक दिवसीय भारत बंद के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग सड़कों पर उतरे। इसका असर बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर भी दिखा। जहां प्रदर्शनकारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का प्रयोग किया। पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान पटना के एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर भी गलती से बीच में आ गए और पुलिसकर्मी ने मिस्टेक से उन पर लाठी चला दी। इसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया। आइए, जानते हैं कि कौन हैं एसडीएम श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर।
कौन हैं एसडीएम श्रीकांत खांडेकर?
आपको बता दें कि श्रीकांत खांडेकर 2020 बैच के आईएएस ऑफिसर रहे हैं। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था। जब उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली, तो उनकी पोस्टिंग बिहार की राजधानी पटना में एसडीएम के तौर पर हुई। वह महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने दापोली कृषि विश्वविद्यालय से कृषि इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद वह यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए और वह पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास कर गए। उन्हें देशभर में 33वां रैंक आया था।
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भारत बंद का बिहार में कैसा रहा असर?
इधर, बिहार अन्य शहरों में भारत बंद का मिलाजुला असर दिखा। बता दें कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुबह से ही लोग सड़कों पर उतर गए। जहानाबाद, वैशाली और शेखपुरा में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आवागमन बाधित करने की कोशिश की। जहानाबाद में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर नेशनल हाईवे जाम करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया और आवागमन शुरू करवाया।
औरंगाबाद के रफीगंज में भीम आर्मी भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरी। सहरसा में भी लोग सड़कों पर उतर गए और कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए रखा और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार रहा। पुलिस को संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया गया और गश्त तेज कर दी गई। हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में भी राजद और अन्य बंद समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए।
पुलिस ने लोगों से की थी अपील
इससे पहले पटना जिला प्रशासन ने बंद में शामिल होने वालों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का आग्रह किया। प्रशासन ने कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जोर-जबरदस्ती करने वालों, यातायात बाधित करने वालों, लोक–व्यवस्था एवं आम जनजीवन को प्रभावित करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी पुलिस अधीक्षकों, अनुमंडल पदाधिकारियों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया था।
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