Yusuf Building: इतिहास के पन्नों में सिमटी ऐतिहासिक धरोहर, जमींदोज हुई पटना की यूसुफ बिल्डिंग

पटना के ऐतिहासिक डाक बंगला इलाके की आखिरी धरोहर, यूसुफ बिल्डिंग को ढहा दिया गया है। यह इमारत न केवल पटना के इतिहास का एक अहम हिस्सा थी बल्कि देश की आजादी की गवाह भी थी। यूसुफ बिल्डिंग के भूतल पर स्थित पुरानी दुकानें विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों के लिए आजीविका का मुख्य साधन थीं। इन दुकानों में कई पीढ़ियों से व्यवसाय होता आया था और ये स्थानीय लोगों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र थीं।

यूसुफ बिल्डिंग।

Yusuf Building: पटना के ऐतिहासिक डाक बंगला इलाके की आखिरी धरोहर इमारत ‘यूसुफ बिल्डिंग’ अब इतिहास बन गई है। देश की आजादी की गवाह इस इमारत को ढहा दिया गया है जिसके भूतल की पुरानी दुकानें, विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए शराणार्थी परिवारों के आजीविका का साधन बनी थीं। कई स्थानीय निवासियों के अनुसार इमारत को ढहाने का काम दो दिन पहले शुरू किया गया था। रविवार रात को बुलडोजर ने तीन मंजिला इमारत के एक बड़े हिस्से को जमींदोज कर दिया।

19वीं सदी में बनी थी बिल्डिंग

‘यूसुफ बिल्डिंग’ 19वीं सदी के प्रसिद्ध डाक बंगले के सामने स्थित थी। ब्रिटिश काल के उस बंगले को भी 1990 में जिला बोर्ड अधिकारियों ने एक ऊंची इमारत बनाने के लिए ढहा दिया था। न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ ने मई में ‘यूसुफ बिल्डिंग’ जायजा लिया था और तीन पीढ़ियों से इसके भूतल पर नामी डिपार्टमेंटल स्टोर ‘रोशन ब्रदर्स’ को संचालित करने वाले कपूर परिवार के वंशजों से बातचीत की थी। ‘पीटीआई-भाषा’ दिसंबर में बिल्डिंग का दौरा किया था।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

राकेश कपूर (62) के दादा रोशन लाल कपूर ने विभाजन के बाद यहां आकर दुकान खोली थी। राकेश कपूर का इस इमारत से ‘‘बेहद भावनात्मक जुड़ाव था’’, ऐसे में इमारत के ढहाए जाने के बाद से वह काफी दुखी हैं। राकेश ने कहा, ‘‘मैं इमारत के मलबे के ढेर और ‘यूसुफ बिल्डिंग’ के बचे हिस्से के पास गुजरा। ऐसा लगता है कि मानो खुद के शरीर को चोट पहुंची हो... मानो अपने ही परिवार के किसी सदस्य को खो दिया हो।’’

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