Ayodhya Ram Mandir: 500 साल बाद घर में विराजे राम लला, इन तीन लोगों ने राम मंदिर निर्माण में निभाई अहम भूमिका

Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे महंत नृत्य गोपाल दास को साल 2003 में राम जन्मभूमि न्यास का प्रमुख बनाया गया। आइये जानते हैं इसके अलावा आचार्य सत्येंद्र दास और प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा कौन हैं, जिनकी मंदिर निर्माण में अहम भूमिका है।

people behind ayodhya ram mandir

राम मंदिर निर्माण के प्रमुख चेहरे

अयोध्या: आज पूरा देश राममय है। 500 साल का इंतजार 22 जनवरी 2024 को खत्म हो गया, जब भगवान रामलला भव्य राम मंदिर में विराजमान हुए। यह कार्यक्रम लग्न एवं वृश्चिक नवांश पौष माह के द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष में संपन्न हुआ। शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच रामलला अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान हुए। स्वयं पीएम मोदी ने शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद अयोध्या सहित पूरा देश जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। इस खास कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी मौजूद थे। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर, ये संत कौन हैं। तो आइए जानते हैं कि महंत नृत्य गोपाल दास के अलावा आचार्य सत्येंद्र दास और मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा कौन हैं?

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष

दरअसल, महंत नृत्य गोपाल दास श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। इससे पहले ये कृष्णभूमि ट्रस्ट के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। जानकारी के अनुसार, महंत नृत्य गोपाल दास यूपी के मथुरा के रहने वाले हैं। दास का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ और इन्होंने मथुरा से ही अपनी शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की। उसके कुछ साल बाद उनका मन धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में लगने लगा। लिहाजा, इन्होंने अपना घर बार छोड़ दिया और अयोध्या चले गए। जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में नृत्य गोपाल दास ने महंत राम मनोहर दास से दीक्षा संस्कार की शिक्षा ली। बाद में वाराणसी में संस्कृत विश्वविद्यालय में दाखिला से 'शास्त्री' के रूप में स्नातक की उपाधि हासिल की। साल 1965 में अयोध्या के एक भव्य समारोह में इन्हें महंत के रूप में स्थापित किया गया। जब ये केवल 27 वर्ष के ही थे।

2003 में बने राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख

आजतक की खबर के मुताबिक, उसके बाद महंत नृत्य गोपाल दास छोटी छावनी के छठे प्रमुख बनाए गए। फिर अयोध्या के प्रमुख बनने के बाद इनके समक्ष वहां के कई मंदिर शामिल हो गए। उसके बाद महंत नृत्य गोपाल दास ने अयोध्या में श्री चार धाम मंदिर, रामायण भवन और श्री रंगनाथ मंदिर सहित कई मंदिरों का निर्माण कराकर देश को समर्पित किया। वह दशकों से राम जन्मभूमि आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। साल 2001 में नृत्य गोपाल दास और उनके शिष्यों पर हमला किया गया, जिसमें इन्हें मामूली चोट आई। साल 2003 में नृत्य गोपाल दास को राम जन्मभूमि न्यास का प्रमुख बनाया गया। लंबे संघर्ष के बाद 22 जनवरी को वो घड़ी आ गई, जब रामलला का भव्य मंदिर बना और रामलला गर्भगृह में विराजित किए गए।

वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया मंदिर का डिजाइन

हालांकि, राम मंदिर का मॉडल 32 साल पहले ही तैयार हो गया था। प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने उस समय पैरों से नापकर भव्य राम मंदिर का नक्शा तैयार किया था। वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के नेतृत्व में एक टीम ने राम मंदिर को डिजाइन किया है। चंद्रकांत सोमपुरा अहमदाबाद स्थित राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार हैं। सोमपुरा ने भारतीय वास्तुकला को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस परिवार की सदियों पुरानी परंपरा है और उन्होंने देश भर में 200 से अधिक मंदिरों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जानिए कौंन हैं आचार्य सत्येंद्र दास

1949 में रामलला की प्रतिमा स्थापित होने के बाद से ही अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि विवादास्पद रहा। इस आंदोलन से आचार्य सत्येंद्र दास भी जुड़े। 1975 में दास ने आचार्य की डिग्री हासिल की और 1976 में वह संस्कृत के अध्यापक हो गए। पांच मार्च 1992 से करीब नौ महीने पहले से आचार्य सत्येंद्र दास पुजारी के तौर पर रामलला की पूजा करते रहे हैं। उनका पुजारी बने रहना कई बार विवादों में भी रहा। हालांकि, विहिप के अशोक सिंघर से उनके अच्छे रिश्ते थे लिहाजा, वो मंदिर के पुजारी रहे। कहते हैं सत्येंद्र दास साधु बनना चाहते थे और पढ़ाई के भी इच्छुक थे। उनके पिता ने उनकी इस इच्छा को सम्मान दिया तो दास ने घर छोड़कर 1958 में अयोध्या का रुख किया। उनकी राम मंदिर के निर्माण में अहम भूमिका है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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