Rajkot Game Zone Fire: गेमिंग जोन में कैसे लगी थी आग? हादसे के दौरान जान बचाने वाले शख्स ने सुनाई पूरी कहानी
गुजरात के राजकोट में एक मॉल के गेमिंग जोन में भयानक आग लग जाने से कई बच्चों समेत अन्य लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान हादसे में जामनगर का एक युवक मनीष भीमसुरिया भी शामिल था। उसने किसी तरह इस हादसे में अपनी जान बचाई थी। सुनिए उसने क्या कहा।
चश्मदीद ने सुनाई आपबीती।
Rajkot Game Zone Fire: हाल ही में गुजरात के राजकोट में एक मॉल के गेमिंग जोन में भयानक आग लग जाने से कई बच्चों समेत अन्य लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान हादसे में जामनगर का एक युवक मनीष भीमसुरिया भी शामिल था। वह गेम जोन में काम करते था और उस दिन मॉल के दूसरे माले पर मौजूद था। जब गेम जोन में भीषण आग लगी तो उसने दूसरे माले से कूद कर अपनी जान बचाई।
चश्मदीद ने सुनाई आपबीती
आइए जानते हैं कि उस हादसे में बचा चश्मदीद मनीष ने क्या कुछ कहा। मनीष भीमसुरिया ने कहा, मैं जमनागर का रहवासी हूं। राजकोट के टीआरपी गेम जोन में काम करता था। घटना वाले दिन अचानक वेल्डिंग काम से आग लग गई। आग इतनी भयंकर हो गई कि बचने का कोई चांस ही नहीं था। सबसे पहले मुझे ही पता चला की आग लगी है। आग लगी तब मैंने अपने मैनेजर, सुपरवाइजर और मेरे सीनियर और मालिक को आग के बारे में सूचना दी। आग लगने के बाद राहुल भाई राठौर से मैंने बात की। हम सबको बचाने गए पर आग इतनी भीषण थी कि बचने का कोई चांस ही नहीं था, लेकिन फिर भी हमने आग बुझाने की कोशिश की।
मनीष ने आगे बताया, आग बुझी तो मालिक युवराज सिंह सोलंकी ने मुझे कहा कि ऊपर कस्टमर हैं। कस्टमर को धीरे-धीरे बाहर लेकर आओ तो कस्टमर को लेने में मैं ऊपर गया। 20 से 25 कस्टमर को मैंने बाहर निकाला। उनको नीचे लाने के लिए। आग इतनी भयानक हो गई कि नीचे उतरने का कोई रास्ता ही नहीं रहा। आगे पीछे ऊपर नीचे जाने का रास्ता सिर्फ एक ही था। आज इतनी भयानक हो गई कि सब कुछ जलकर राख हो गया था। तब मैं बाहर के रास्ते गया और वहां पर एक सीनियर मैनेजर और मालिक थे, मैंने बात की कि इस तरह स्थिति में अब मैं नीचे कैसे आऊं? युवराज सिंह सोलंकी जो वहां के ऑनर हैं और राहुल राठौर उनसे मैंने बात की तो उन्होंने मुझे बोला कि अगर तुझे अपनी जान बचानी है तो ऊपर से कूद जा। दूसरे माले से मैं कूद गया।
दूसरी मंजिल से छलांग लगाकर बचाई जान
इसके बाद मनीष ने बताया कि वहां दूसरे माले से मैंने अपनी जान बचाने के लिए छलांग लगाई। दूसरा कोई रास्ता नहीं था मेरे पास। उसके बाद गिरिराज हॉस्पिटल में मेरी 5 से 6 दिन ट्रीटमेंट हुई। मुझे माथे में चोट लगी है और हाथ फैक्चर है। साथ ही पीछे से लेकर कमर तक का पूरा हिस्सा फैक्चर है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
Devshanker Chovdhary author
देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited