Pilibhit Temple: ऐतिहासिक धरोहर है पीलीभीत का यह मंदिर, जानिए इतिहास
आपने पीलीभीत के टाइगर रिजर्व के बारे में तो सुना ही होगा। यहां के जंगलों की सफारी भी की होगी। लेकिन आज हम आपको यहां एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे यहां 11वीं सदी का बताया जाता है।
पीलीभीत मंदिर
उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला प्रमुख रूप से इको टूरिज्म के तौर पर जाना जाता है। लेकिन अब यह जिला धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है। यहां एक तरफ जहां गोमती उद्गम स्थल पर विशेष ध्यान दिया गया। वहीं यहां अब पीलीभीत के जंगलों में बना इलाबांस देवल मंदिर को भी संरक्षित सूची में शामिल कर लिया गया है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से इस बात की ऐलान कर दिया गया है। यहा साल में 2 बार मेले का आयोजन भी किया जाता है।
आपको बता दें कि यह मंदिर लोध राजपूत समाज के लोगों के लिए काफी मायने रखता है। यहा का मेला इन लोगों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इलाबांस देवल मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। पीलीभीत जिले के बीसलपुर इलाके में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की दियुरिया रेंज में स्थित इलाबांस देवल मंदिर काफी अधिक प्राचीन व ऐतिहासिक है।
दुर्लभ है यहां की मूर्तियां
यहां स्थापित मुर्तियों के बारे में बताया जाता है कि यह खुदाई के दौरान मिली थी। विशेष तौर पर यह मंदिर लोध राजपूत समाज के लोगों के मेले के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि इलाबांस देवल मंदिर को अब जल्द ही इतिहास के क्षेत्र में भी पहचान दिलाएगी।
सदियों पुराना है यह मंदिर
इस मंदिर को 11वीं सदी का बताया है। यहां स्थापित मुर्तियां और काफी दुर्लभ और सदियों पुरानी बताई जाती है। इलाबांस देवल मंदिर को लेकर हाल ही में राज्य पुरातत्व विभाग की ओर से इस धरोहर को संरक्षित सूची में शामिल होने की जानकारी दी गई है।
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माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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