पोरबंदर में खेला गया गोल्डन गरबा, सोने के गहनों से सजी महिलाएं करती हैं ये डांस, देखें वीडियो

गुजरात के पोरबंदर में मणियारा रास नाम का गरबा खेला जाता है। यह गरबा का एक अलग प्रकार होता है। जिसे पोरबंदर के आसपास रहने वाले लोग ही खेलते है। मणियारा रास मेर समाज के लोगों की गरबा खेलने की शैली है, इसे गोल्डन गरबा के नाम से भी जानते है।

पोरबंदर का गोल्डन गरबा

मुख्य बातें
  • पोरबंदर का गोल्डन गरबा
  • मेर समाज का विजय उत्सव
  • पोरबंदरवासी खेलते है ये डांस

Porbandar Golden Garba: नवरात्रि की धूम हर तरफ फैली हुई है और गुजरात में बिना गरबा और डांडिया के नवरात्रि का उत्सव अधूरा है। गुजरात के पोरबंदर में नवरात्रि के मौके पर गोल्डन गरबा खेला गया। यह गरबा की ही एक शैली है, जिसे मणियारा रास कहा जाता है यह गरबा पोरबंदर के आसपास रहने वाले लोग ही खेलते है। गरबा का यह प्रकार मेर समाज के लिगों के लिए विजय उत्सव का प्रतीक है। पोरबंदर में खेले गए गोल्डन गरबा का वीडियो नीचे देख सकते हैं।

गोल्डन गरबा का इतिहास

गरबा गुजरात की पहचान है गरबा और गुजरात एक दूसरे के पर्याय है गरबा के भी अलग-अलग स्वरूप हैं जैसे प्राचीन गरबा ,अर्वाचीन गरबा,शेरी गरबा इत्यादि विभिन्न गरबे के स्वरूप हैं और गुजरात के अलग-अलग कोनों में गरबे को अलग-अलग तरीके से खेला जाता है और इसी प्रकार गरबा की एक शैली है मणियारा रास। यह गरबा की शैली पोरबंदर के आसपास रहने वाले मेर समाज की अपनी शैली है और मेर समाज इसका बरसों से निर्वहन करता रहा है मेरे समाज क्षत्रिय समुदाय में माना जाता है और यह मणियारा रास इस जाति के विजय उत्सव का प्रतीक है प्राचीनकाल में इस मेर जाति ने अपने राज्य के लिए युद्ध किया था और जीत के बाद जश्न मनाया था तबसे इस उत्सव को विभिन्य त्योहारों ,उत्सवों ,और खुशी के मौके पर इस नृत्य को किया जाता है इस रास में रिधम के लिए ढोल,शहनाई, आवश्यक है पुरुष इसमें सफेद वस्त्र पहनते है महिलाएं महरून रंग के कपड़े पहनती है लेकिन सबसे खास होता है महिलाओं का श्रंगार जिसमे महिलाएं एक किलो से लेकर 3 किलो तक सोने के गहने पहनती है इसे गोल्डन गरबा भी कहा जाने लगा है।

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