Project Setu: 'प्रोजेक्ट सेतु' ने आसान किया सरकार का काम, एक साल में हुईं इतनी समीक्षाएं; 60% का हुआ समाधान

गुजरात सरकार के ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने सिर्फ़ 1 साल की छोटी सी कार्य अवधि में ₹78,000 करोड़ की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है। इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60% की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है।

सीएम भूपेंद्र पटेल

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में, गुजरात राज्य पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नागरिक-केंद्रित पहलों के साथ सुशासन का प्रतीक बन चुका है। इस परिवर्तन में एक प्रमुख पहल है सीएम डैशबोर्ड, जो एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो राज्य के विकास परियोजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी और प्रबंधन करता है। सीएम डैशबोर्ड की इसी क्षमता को बढ़ाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने पिछले साल यानी 2023 में सुशासन दिवस के दिन प्रगति- G पोर्टल (Pro-Active Governance and Timely Implementation in Gujarat) के तहत “प्रोजेक्ट सेतु” मोड्यूल को लॉन्च किया था। अब प्रोजेक्ट सेतु मोड्यूल को एक साल पूरे होने जा रहे हैं।

क्या है सीएम डैशबोर्ड के प्रगति- G पोर्टल का “प्रोजेक्ट सेतु” मोड्यूल

राज्य के विभिन्न विभागों के तहत चल रही परियोजनाओं को समय से पूरा करने और उन परियोजनाओं के अमलीकरण में आ रही समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए मुख्यमंत्री के स्तर की निगरानी प्रणाली के तौर पर सीएम डैशबोर्ड के प्रगति- G पोर्टल के अंतर्गत प्रोजेक्ट सेतु मोड्यूल को लॉंच किया गया। इस मॉड्यूल के तहत मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अधिकारी स्वयं राज्य की विभिन्न परियोजनाओं की माइक्रो-लेवल मॉनिटरिंग करते हैं। इसके लिए प्रोजक्ट्स के मुद्दों को 10 से अधिक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इसी को आधार बनाकर उनकी विस्तृत समीक्षा की जाती है।

पेपरलेस समीक्षा प्रक्रिया के तहत ₹78,000 करोड़ की परियोजनाओं की गहन समीक्षा

गुजरात सरकार के ‘प्रोजेक्ट सेतु’ ने सिर्फ़ 1 साल की छोटी सी कार्य अवधि में ₹78,000 करोड़ की लागत वाली 380 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गहन समीक्षा कर एक नई मिसाल पेश की है। इस प्रक्रिया के तहत 327 मुद्दे सामने आए इसमें 193 समस्याओं का सफल समाधान किया गया, जो लगभग 60% की प्रभावशाली सफलता दर को दर्शाता है। इन समस्याओं के त्वरित समाधान मिलने से इन परियोजनाओं के समय से पूरा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, ‘प्रोजेक्ट सेतु’ मॉड्यूल के अंतर्गत विभिन्न विभागों की छोटी-बड़ी परियोजनाओं की रिव्यू मीटिंग की सुविधा ने राज्य सरकार की समीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस भी बना दिया है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।

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