Prayagraj News: पति ने पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप, कोर्ट में पेश सीडी की फिर होगी फोरेंसिक जांच

Prayagraj News: पत्नी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पति ने कोर्ट में पेश सीडी/डीवीडी की फोरेंसिक जांच के लिए आवेदन किया। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद इलाहाबाद कोर्ट ने सीडी/डीवीडी की नए सिरे से फोरेंसिक जांच के आदेश दिए।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Prayagraj News: प्रयागराज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां, एक पति ने पत्नी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट में मामला दर्ज किया है। इतना ही नहीं पति ने इलाहाबाद कोर्ट में इससे संबंधित एक सीडी/डीवीडी भी पेश की है। इस शख्स ने मुख्य तौर पर ये मामला तलाक और दो नाबालिग बेटियों की अभिरक्षा को देखते हुए दर्ज किया है। इलाहाबाद कोर्ट ने शख्स द्वारा प्रस्तुत सीडी/डीवीडी की जांच के पुनः आदेश दिए हैं।

कोर्ट ने दिए सीडी/डीवीडी की जांच के आदेश

मामले की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद कोर्ट के जस्टिस अजित कुमार ने बेंगलुरु की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में सीडी/डीवीडी की तकनीकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय कानपुर को दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि ये मामला द्वारका नई दिल्ली में दर्ज किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर इस मामले की सुनवाई कानपुर में चल रही है।

ये भी पढ़ें - Noida News: नोएडा पुलिस का बाल श्रम के खिलाफ बड़ा अभियान , 15 बच्चों को किया रेस्क्यू

याचिकाकर्ता के मुताबिक, दोनों पति-पत्नी अलग-अलग रह रहे हैं। इस याचिका में पति ने आशंका जताई है कि उनकी दोनों नाबालिग बेटियों को पोर्नोग्राफी के लिए मजबूर किया जा सकता है। इस दौरान याचिकाकर्ता ने परिवार न्यायालय में सीडी/डीवीडी का वेरिफिकेशन करने के लिए आवेदन दिया। 2018 में परिवार न्यायालय ने लखनऊ में स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में सीडी को पति और पत्नी की अवाज के नमूनों के साथ वेरिफिकेशन के लिए भेजा। वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 2022 में प्रयोगशाला ने इसकी रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल डेटा में मौजूद आवाज पती और पत्नी से संभावित रूप से समान पाई गई। लेकिन वीडियो डिजिटल डेटा, ट्रांसक्रिप्शन के अनुसार न होने के कारण इसकी जांच नहीं हो पाई।

याचिकर्ता ने वेरिफिकेशन की फिर लगाई गुहार

याचिकाकर्ता ने जांच पूरी न होने पर एक बार फिर आवेदन किया। इस बार उसने कहा कि अगर लखनऊ डिविजन सीडी की जांच करके रिपोर्ट नहीं भेज सकता है तो दूसरी एजेंसी को वेरिफिकेशन करने के लिए सीडी/डीवीडी को भेजा जाए। लेकिन परिवार न्यायालय ये इस आवेदन को खारिज कर दिया। इससे परेशान होकर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में परिवार न्यायालय के आदेश को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने उनकी दलील सुनने के बाद नए सिरे से सीडी/डीवीडी को जांच के लिए बेंगलुरु में स्थित फोरेंसिक विज्ञान की प्रयोगशाला में भेजने के निर्देश दिए और एक माह में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | प्रयागराज (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited