Best Place Near Prayagraj : अगर नहीं जाना भीड़भाड़ से भरे पर्यटक स्थलों पर तो चलिए राम के धाम, अयोध्या में आपके लिए है बहुत कुछ

Best Place Near Prayagraj : देश के सबसे प्रमुख धार्मिक शहरों की फेहरिस्त में शामिल अयोध्या में आकर आप अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं। यह प्रयागराज से करीब 330 किमी की दूरी पर है। रास्ता अच्छा होने के कारण आप कुछ ही घंटों की ड्राइव कर इस बेहद खूबसूरत व धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र में पहुंच सकते हैं। यहां आने के लिए 130 किमी की दूरी पर है एयरपोर्ट लखनऊ। सदियों से अविरल व शांत बह रही पवित्र सरयू नदी के तट पर बसे इस शहर में आपको देखने व जानने के लिए कई हैरान करने वाली बातें मिलेंगी।

Prayagraj News

सरयू नदी के तट पर बसी है भगवान राम की नगरी अयोध्या।

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • न्यू ईयर विंटर वेकेशन पर अयोध्या घूमने आएं
  • यहां कई पौराणिक मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं
  • पवित्र सरयू नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित करें

Best Place Near Prayagraj : अयोध्या पूरे देश में सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था व धर्म से जुड़ा शहर है। हिंदुओं के आराध्य भगवान राम की नगरी है अयोध्या। त्रेता युग में राजा इक्ष्वाकु, पृथु, मांधाता, हरिश्चंद्र, सागर, भागीरथ, रघु, दिलीप, दशरथ व भगवान राम जैसे राजाओं ने कौशलदेश की राजधानी पर शासन किया था। उनके शासनकाल का दौर था कि यह नगरी रामराज्य की प्रतीक बन गई।

देश के सबसे प्रमुख धार्मिक शहरों की फेहरिस्त में शामिल अयोध्या में आकर आप अपने नए साल की शुरुआत कर सकते हैं। यह प्रयागराज से करीब 330 किमी की दूरी पर है। रास्ता अच्छा होने के कारण आप कुछ ही घंटों की ड्राइव कर इस बेहद खूबसूरत व धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र में पहुंच सकते हैं। सदियों से अविरल व शांत बह रही पवित्र सरयू नदी के तट पर बसे इस शहर में आपको देखने व जानने के लिए कई हैरान करने वाली बातें मिलेंगी। तो चलिए आपको अयोध्या समेत इसके नजदीकी इलाकों के बारे में बताते हैं। यहां आने के लिए 130 किमी की दूरी पर है एयरपोर्ट लखनऊ।

ये हैं अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर

सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसी अयोध्या नगरी बीते युग के अवशेषों से भरी पड़ी है। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण और श्रीरामचरितमानस इसके वैभव का आज भी बखान करते हैं। यहां 10वीं सदी में बना एक प्राचीन मंदिर है जिसे हनुमानगढ़ी कहते हैं। बताया जाता है कि इस जगह पर भगवान हनुमान ने तपस्या की थी। मंदिर में आज भी हनुमान जी की सोने की मूर्ति विराजित है। यहां के रामकोट में आपको एक साथ कई मंदिरों को देखने का मौका मिलेगा। यह अयोध्या के प्रमुख स्थानों में से एक है। यहां पर रामनवमी के मौके पर देश भर के श्रद्धालु भगवान राम के दर्शनों के लिए आते हैं। इसके अलावा नागेश्वरनाथ मंदिर, कनक भवन, तुलसी स्मारक व त्रेता के ठाकुर सहित कई भव्य मंदिर हैं।

सर्वधर्म समभाव का संगम है अयोध्या में

बता दें कि अयोध्या हिंदुओं का ही नहीं बल्कि जैन धर्म को मानने वालों के लिए भी पवित्र स्थान है। जनश्रुति के मुताबिक जैन धर्म के 24 में से 5 तीर्थंकरों का जन्म यहां हुआ था। यहां होने वाले विशेष अवसरों में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में जैन अनुयायी अयोध्या आते हैं। बता दें कि ब्रह्म कुंड और नज़रबाग इलाकों का गुरुद्वारों का गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर व गुरु गोविंद सिंह से नाता रहा है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में सिक्ख समुदाय के अनुयायी गुरुद्वारों में जाते हैं। यहां नवाब शुजा-उद-दौला की बेगम उन्मतुज़ोहरा बानो का मकबरा भी है। जो कि अवधी स्थापत्य शैली का बेहतरीन नमूना है।

ये हैं अयोध्या के प्रमुख घाट

सरयू नदी के तट पर स्थित घाटों की एक श्रृंखला है जिनमें मुख्य तौर पर राम घाट, लक्ष्मण घाट, तुलसी घाट, नया घाट, स्वर्गद्वार घाट, जानकी घाट, विद्या कुंड, विभीषण कुंड, दंत धवन कुंड, सीता कुंड आदि हैं। इसके अलावा कई बगीचे व मंदिर भी हैं जो कि सैलानियों को आकर्षित करते हैं।

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