Best Places to Visit in Prayagraj: ये हैं संगम नगरी के 5 फेमस मंदिर, ये है इनका खास महत्व, जरूर विजिट करें यहां
Best Places to Visit in Prayagraj: पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां के लोग बताते हैं कि, मोक्ष दायिनी मां गंगा हर वर्ष पहला स्नान लेटे हनुमान जी को करवाती है। प्रसिद्ध श्री वेणी माधव जी मंदिर में दर्शन के बिना संगम नगरी की यात्रा एवं यहां होने वाली पंचकोसी परिक्रमा को पूरा नहीं माना जाता। दक्षिण भारतीय शैली में बना शंकर विमान मंडपम मंदिर शास्त्री पुल से देखने मे यह मंदिर अद्भुत लगता है।
प्रयागराज के पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व के इन 5 मंदिरों में जरूर जाएं (सांकेतिक तस्वीर)
- पौराणिक शहर में धार्मिक पर्यटन के लिहाज से कई दर्शनीय स्थल हैं
- मां गंगा हर वर्ष पहला स्नान लेटे हनुमान जी को करवाती है
- संगम नगरी के प्रथम पूज्य के तौर पर पहचान है श्री वेणी माधव भगवान की
जिसमें से आदिकाल की मान्यताओं के मुताबिक पांच ऐसे प्रमुख मंदिर हैं, जिनकी महत्ता जान आप भी दंग रह जाएंगे। इन मंदिरों में प्रयागराज आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। आप भी अगर प्रयागराज आएं हैं तो यहां जरूर जाएं व जानें यहां के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के बारे में।
मां गंगा करवाती हनुमान जी को पहला स्नानसंगम के तीरे अकबर के बनवाए किले के पास स्थित है संकट मोचन हनुमान जी का मंदिर, जिसे लेटे हनुमान मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां के लोग बताते हैं कि, मोक्ष दायिनी मां गंगा हर वर्ष पहला स्नान लेटे हनुमान जी को करवाती है। वर्तमान में मंदिर का संचालन बाघम्बरी मठ द्वारा किया जाता है। यहां रोज हजारों श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शनों के लिए आते हैं, ये आंकड़ा शनिवार और मंगलवार को कई गुना बढ़ जाता है। वहीं किले के पश्चिम में यमुना के तट के निकट स्थित है महाकामेश्वर मंदिर। मंदिर में काले पत्थर की भगवान शिव, गणेश व नंदी की मूर्तियां विराजित हैं। कहा जाता है कि, यहां पीपल के पेड़ के नीचे मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
प्रथम पूज्य विराजते हैं इस मंदिर मेंसंगम नगरी के प्रथम पूज्य के तौर पर पहचान है श्री वेणी माधव भगवान की। बताया जाता है कि, ब्रह्मा जी जब प्रयागराज में यज्ञ कर रहे थे, तब उन्होंने सुरक्षा के लिए भगवान विष्णु से याचना करके उनके बारह स्वरूपों की स्थापना करवाई थी। यहां के बारह माधव मंदिरों में से एक प्रसिद्ध श्री वेणी माधव जी का मंदिर दारागंज के निराला मार्ग पर स्थित है। कहा जाता है कि, इस मंदिर में दर्शन के बिना संगम नगरी की यात्रा एवं यहां होने वाली पंचकोसी परिक्रमा को पूरा नहीं माना जाता।
शास्त्री पुल से देखने मे यह मंदिर लगता है अद्भुत दक्षिण भारतीय शैली में बना शंकर विमान मंडपम मंदिर शास्त्री पुल से देखने में यह मंदिर अद्भुत लगता है। मंदिर चार स्तम्भों पर निर्मित में चारों तरफ 108 विष्णु भगवान और 108 शिवलिंग स्थापित है। वहीं बालसन चौराहे पर विशालकाय मुनि भारद्वाज की प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि भगवान राम अपने वनवास पर चित्रकूट जाते समय माता सीता और लक्ष्मण के साथ इस स्थान पर आए थे। वर्तमान में यहां भारद्वाजेश्वर महादेव मुनि भारद्वाज, तीर्थराज प्रयाग व देवी काली आदि के मंदिर हैं।
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