Best Places to Visit in Prayagraj: प्रयागराज की ये 7 जगह आपको बना देगी दीवाना, विंटर वेकेशन में जल्दी से बनाइए यहां घूमने का प्लान

Best Places to Visit in Prayagraj: यूपी का शहर प्रयागराज के गर्विले इतिहास में पौराणिक कथाओं के समावेश का आकर्षण सैलानियों को यहां आने पर मजबूर करता है। भारत की 3 प्राचीन व प्रमुख नदियों मोक्ष दायिनी मां गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम इस पौराणिक शहर की खूबसूरती को बढ़ा देता है। खुसरो बाग जैसे मकबरे और यहां मौजूद कई मस्जिद इस शहर की गंगा -जमुनी तहजीब का बखान करती हैं। आदि काल से चली आ रही सनातन संस्कृति के मूल स्तंभ के तौर पर यहां लगने वाले महाकुंभ का मेला प्रयागराज को निसंदेह एक पवित्र शहर का दर्जा दिलाता है।

Prayagraj (1)

प्रयागराज आए तो आस्था के संगम में डूबकी जरूर लगाएं

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • प्रयागराज में होता है 3 प्रमुख नदियों का संगम
  • त्रिवेणी संगम है इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती
  • अमरूदों के बाग व बेहतरीन किस्मों के गुलाब है शहर की पहचान

Best Places to Visit in Prayagraj: प्रयागराज धार्मिक पर्यटन के लिहाज से देश के सबसे प्रमुख शहरों में से एक है। इसके गर्विले इतिहास में पौराणिक कथाओं के समावेश का आकर्षण सैलानियों को यहां आने पर मजबूर करता है। भारत की 3 प्राचीन व प्रमुख नदियों मोक्ष दायिनी मां गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम इस पौराणिक शहर की खूबसूरती को बढ़ा देता है। तीन अलग-अलग रंगों के प्रवाह वाली नदियों के तट पर बसे इस शहर में आस्था का ज्वार हर समय बहता है। सनातन परंपरा का अनुसरण करने वाले लोगों के लिए यहां पर अनगिनत पौराणिक मंदिर है।

गौरतलब है कि खुसरो बाग जैसे मकबरे और यहां मौजूद कई मस्जिदें इस शहर की गंगा -जमुनी तहजीब का बखान करती हैं। आदि काल से चली आ रही सनातन संस्कृति के मूल स्तंभ के तौर पर यहां लगने वाला महाकुंभ का मेला प्रयागराज को निसंदेह एक पवित्र शहर का दर्जा दिलाता है। नायाब वास्तुकला व कई चमत्कारों की कहानियों को अपने दामन में समेटे प्रयागराज में वैसे तो देखने व घूमने लायक कई पर्यटक स्थल हैं। अगर आप इस बार सर्दियों की छुट्टिया बिताने यहां आना चाहते हैं तो आपको बताते है यहां की 7 खास जगहों के बारे में। जिन्हें आप हमेशा के लिए यादगार पलों में संजो लेंगे।

त्रिवेणी संगम में डूबकी हर एक का होता है ख्वाबप्रयागराज सनातन धर्म की 3 सबसे प्रमुख नदियों के मिलन का स्थान है। यहां आकर त्रिवेणी संगम में डूबकी लगाना हर सनातनी का ख्वाब होता है। घूमने के लिहाज से ये सबसे लोकप्रिय और पवित्र स्थानों में से एक है। यहां हर वर्ष माघ मेला लगता है। संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां आपस में मिलती हैं। हर 12 साल में संगम के तट पर महाकुभं मेले का आयोजन होता है। यहां आकर आप यदि बोटिंग करते हैं तो आपको नदियों के पानी के रंगों में अंतर दिखेगा।

मुगलई वास्तुकला की बेजोड़ नजीर खुसरो बागप्रयागराज के लुकरगंज इलाके में स्थित, खुसरो बाग सैलानियों को आकर्षित करता है। इसके निर्माण में आपको मुगलई वास्तुकला दिखेगी। खुसरो बाग में उस समय के 3 बेहतरीन डिजाइन किए गए बलुआ पत्थर के मकबरे हैं। जो कि शाह बेगम, खुसरो मिर्जा और निथार बेगम सहित मुगलों के राजघरानों को खिराजे तहसीम पेश करते हैं। बताया जाता है कि, ये सभी अकबर के बेटे जहांगीर से संबंधित थे। खुसरो बाग की सबसे खूबसूरत एक और खासियत है यहां मौजूद अमरूदों और गुलाब के कई बेहतरीन किस्मों से सजे बाग। यह प्रयागराज में घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है।

ऐतिहासिक है प्रयागराज का आनंद भवनआनंद भवन में कभी मोतीलाल नेहरु का परिवार रहता था। जिसे अब एक ऐतिहासिक म्यूजियम बना दिया गया है। यूरोपिय फर्नीचर और कुछ चीन के सामानों को उस जमाने में मोतीलाल नेहरू ने इस हवेली को सजाने के लिए मंगवाए थे। 1970 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस हवेली को भारत सरकार को सौंप दिया था। तब से इसकी देखरेख केंद्र सरकार कर रही है। यह प्रयागराज के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है।

अकबर ने बनवाया था इलाहबाद में किलामुगल सम्राट अकबर इलाहबाद से बहुत प्रभावित था। यही वजह थी कि 1583 ईस्वी में मुगल शैली में यहां पर अकबर ने किले का निर्माण करवाया। आज भी ये किला इस शहर के गर्विले इतिहास की गाथाएं अपने में समेटे है। इतिहास के जानकार बताते हैं कि, दरअसल अकबर ने हिंदू आस्था के प्रतीक बरगद के विशालकाय पेड़ को कवर करने के लिए किला बनवाया था। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया है व सैलानियों के लिए इसके अंदरूनी हिस्से का रखरखाव करता है। किले के कुछ हिस्सों में शिलालेख लगे हैं जो इसके इतिहास का प्रमाण हैं। यह प्रयागराज में घूमने की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।

तारामंडल साइंस व हिस्ट्री का अनूठा संगमप्रयागराज के आनंद भवन के पास सन 1979 में निर्मित, जवाहर तारामंडल विज्ञान और इतिहास का अनूठा संगम है। यहां पर हर वर्ष जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल लेक्चर नामक एक भव्य कार्यक्रम होता है। जिसमें आगतुंको के लिए सौर मंडल और अंतरिक्ष से जुड़े कई शो होते है। अगर आप प्रयागराज आए तो तारामंडल खासकर बच्चों को जरूर दिखाएं।

गुप्त युग का अवशेष अशोक स्तंभप्रयागराज में आपको दिखेगा गुप्त युग के एक महत्वपूर्ण अवशेषों में से एक मौर्य सम्राट अशोक द्वारा स्थापित स्तंभ। बलुआ पत्थर से बनें इस स्तंभ में चौथी ईसा पूर्व और 17 वीं शताब्दी के समुद्रगुप्त और जहांगीर युग के शिलालेख मौजूद हैं। हालांकि अब इसे अपने मूल स्थान से किले में स्थानांतरित कर दिया गया था। जो कि अब इंडियन आर्मी के अंडर है। इस को देखने जाने के लिए पहले सेना की परमिशन लेनी पड़ती है।

चर्च नहीं देखा तो यहां आना बेकारप्रयागराज में एमजी मार्ग पर 19 वीं शताब्दी के अंत में बना ऑल सेंट्स कैथेड्रल एक शानदार क्रिश्चियन चर्च है। यह यूपी के खूबसूरत चर्चों में से एक है। यहां आने वाले टूरिस्टों के बीच खासा प्रसिद्ध है। चर्च ऑफ स्टोन के तौर पर पहचान रखने वाले इस चर्च की स्थापना सन 1871 में लेडी मुइर एलिजाबेथ हंटली वेमिस ने की थी।

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