Best Places to Visit in Prayagraj: संगम नगरी के इन मंदिरों का है पौराणिक महत्व, जानें इनका पूरा इतिहास, फैमिली संग जरूर जाएं यहां
Best Places to Visit in Prayagraj: संगम नगरी में कई ऐसे पौराणिक मंदिर हैं, जिनके दर्शन करने के लिए लोग देश के कई हिस्सों से आते हैं। अगर आपको इस शहर के पौराणिक महत्व को समझना है तो एक बार परिवार के साथ जरूर यहां आएं। प्रयागराज में मौजूद प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं यहां के हनुमान जी का मंदिर। जिसमें हनुमान जी की 20 फीट लंबी प्रतिमा विराजित है।
प्रयागराज में संगम के तीरे स्थित है नागों के राजा नाग वासुकी का पौराणिक मंदिर (फाइल फोटो)
- मुस्लिम आक्रांता औरंगज़ेब नहीं तोड़ पाया था नागों के राजा वासुकी का मंदिर
- संगम नगरी प्रयागराज में मंदिर इतने कि, उंगलियों पर गिनना मुश्किल
- संगम नगरी में पवित्र शक्तिपीठों में से एक है यहां का कल्याणी मंदिर
Best Places to Visit in Prayagraj: त्रिवेणी संगम की नगरी प्रयागराज सनातन धर्म के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस पौराणिक शहर की मान्यता हिंदू धर्म में प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में भी है। यहां हर साल माघ मेला लगता है, इसके अलवा 12 वर्षों में एक बार महाकुंभी का मेला भी लगता है।
यहां आस्था की डूबकी लगाने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। संगम नगरी में कई ऐसे पौराणिक मंदिर हैं, जिनके दर्शन करने के लिए लोग देश के कई हिस्सों से आते हैं। अगर आपको इस शहर के पौराणिक महत्व को समझना है तो एक बार परिवार के साथ जरूर यहां आएं। आपकी आसानी के लिए बताते हैं कुछ पौराणिक मंदिरों के बारे में जहां जाने के बाद श्रद्धालु खुद को धन्य महसूस करते हैं।
सबसे बड़ी हनुमान जी की प्रतिमाप्रयागराज में मौजूद प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं यहां के हनुमान जी का मंदिर। जिसमें हनुमान जी की 20 फीट लंबी प्रतिमा विराजित है। इसके अलावा संगम नगरी में पवित्र शक्तिपीठों में से एक है यहां का कल्याणी मंदिर। पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस स्थान पर सती माता की उंगलियां गिरी थीं। मंदिर में चैत्र व अश्विन नवरात्रि के मौके पर भव्य आयोजन होता है। बताया जाता है कि, मंदिर के गर्भगृह में स्थापित माता रानी की प्रतिमा एक हजार वर्ष से भी प्राचीन है।
यहां बसते हैं नागों के राजा वासुकीसंगम नगरी में दारागंज के उत्तरी कोने पर प्राचीन नाग वासुकी मंदिर है। मंदिर में नागों के राजा वासुकी नाग विराजमान हैं। प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्री की यात्रा तब तक पूरी नहीं होती जब तक की वह इस मंदिर के दर्शन ना कर ले। इतिहासकारों के मुताबिक, जब औरंगज़ेब भारत में मंदिरों को तोड़ रहा था तो वह इस प्राचीन मंदिर को खुद तोड़ने पहुंचा था। लेकिन, जैसे ही उसने मूर्ति पर तलवार चलाई अचानक से नागवासुकी का रौद्र स्वरूप सामने आ गया और वह डर कर बेहोश हो गया था। यहां हर वर्ष नाग पंचमी के मौके पर मेला लगता है।
यहां होती है पारद शिवलिंग की पूजाप्रयागराज के सीतापुर में स्थित है देवी मां ललिता का पौराणिक मंदिर। मां के उपासकों के लिए खास महत्व रखता है। मंदिर के भीतर स्थित छोटे मंदिर में पारे का शिवलिंग स्थापित है, जिसकी श्रद्धालु पूजा करते हैं। यह भी एक प्राचीन शक्तिपीठ है। मंदिर के पास मौजूद बरगद घाट को यहां के लोग सबसे पवित्र मानते हैं।
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