प्रयागराज में जमकर बरसे रंग और गुलाल, 3 दिन रहेगी होली की खुमारी लोकनाथ में, पढ़िए पूरी खबर
Prayagraj: कोरोना महामारी के 3 साल बाद लोगों के चेहरे हर्ष, उल्लास और उत्साह के रंगों से लबरेज दिखे। शहर में शांति और सौहार्द के बीच लोगों ने खूब होली खेली। पुराने शहर की अगर बात करें तो लोकनाथ, रानी मंडी, कटरा व मीरापुर, आदि इलाकों में लोगों ने जमकर रंग और गुलाल की बारिश के बीच डीजे पर जमकर डांस किया। चौक क्षेत्र में हथौड़ा बारात निकालने की परंपरा करीब 6 दशक पुरानी है।
संगम नगरी प्रयागराज के लोकनाथ में 3 दिन रहेगा रंगोत्सव (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- चौक क्षेत्र में हथौड़ा बारात की निकालने की परंपरा है करीब 6 दशक पुरानी
- 3 साल बाद लोगों चेहरे हर्ष, उल्लास और उत्साह के रंगों से लबरेज दिखे
- रहवासियों ने एक दूजे को अबीर-गुलाल लगाकर कपड़े फोड़े व होली की बधाई दी
Prayagraj: पौराणिक सनातनी धर्म नगरी प्रयागराज में रंगों के पावन पर्व की धूम रही। संगम के तीरे मौजूद इस शहर में धार्मिक आस्था की बयार प्रतिपल बहती है। होली पर्व पर यहां के रहवासियों ने जमकर रंग, अबीर और गुलाल उड़ाए। कोरोना महामारी के 3 साल बाद लोगों के चेहरे हर्ष, उल्लास और उत्साह के रंगों से लबरेज दिखे।संबंधित खबरें
शहर में शांति और सौहार्द के बीच लोगों ने खूब होली खेली। पुराने शहर की अगर बात करें तो लोकनाथ, रानी मंडी, कटरा व मीरापुर, आदि इलाकों में लोगों ने जमकर रंग और गुलाल की बारिश के बीच डीजे पर जमकर डांस किया। इस दौरान अधिकांश लोग अपने मोबाइल से सेल्फी लेने में व्यस्त दिखे। लोकनाथ में 3 दिन तक चलने वाले रंगोत्सव में रहवासियों ने एक दूजे को अबीर-गुलाल लगाया व कपड़े फाड़कर होली की बधाई व शुभकामनाएं दीं।संबंधित खबरें
अजब है चौक की हथौड़ा बारात चौक क्षेत्र में हथौड़ा बारात निकालने की परंपरा करीब 6 दशक पुरानी है। यहां के रहवासियों के मुताबिक इसकी शुरुआत सबसे पहले शहर के जीरो रोड से हुई थी। इसके बाद घास सट्टी, और फिर लोकनाथ से बारात निकाली जाती रही। अब यह मीरगंज के पास से निकलने लगी है, जिसमें लकड़ी से बने हथौड़े का वजन 30 केजी होता है। यह हथौड़ा तीन फिट की लंबाई का होता है, बारात होलिका दहन से पहले निकलती है। जिसमें लोग अनेक प्रकार के स्वांग रच कर बारात में शामिल होते हैं।
तीन दिन रहती है लोकनाथ में रंगों की छटासंगम नगरी का लोकनाथ व चौक इलाका होली का त्योहार मनाने का प्रमुख इलाका है। यहां की होली की धमक देश के कई शहरों में है। यही वजह है कि, इस इलाके की होली देखने के लिए कई बड़े शहरों के लोग प्रयागराज आते हैं। यहां पर होली से एक दिन पहले व एक दिन बाद तक रंग खेलने का दौर चलता है। सबसे खास बात तो ये है कि, यहां पर लोग कपड़े फाड़ने के बाद एक - दूसरे को होली की बधाई देते हैं। बता दें कि, ये इलाका शहर के पुराने बाजार का है, जहां पर होली की तैयारी खास उत्साह के साथ की जाती है।
कई शहरों के लोग आते हैं होली देखनेप्रयागराज के लोकनाथ व चौक बाजार के इलाके में मनाई जाने वाली होली में करीब एक साथ 40 से 50 हजार लोग जमा होते हैं होली से पूर्व यहां पर बाजारों की सफाई करवाई जाती है। इसके बाद करीब 50 क्विंटल फूल, इतना ही गुलाल व रंग मंगाए जाते हैं। बाजारों में कई जगहों पर धमाल व होली के गीतों के लिए स्पीकर लगावाए जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है रंग व गुलाल का दौर जो 3 दिन तक चलता है। यहां पर रंग खेल रहे लोगों पर छतों से रंगीन पानी की बौछारें की जाती है। यहां की होली की एक झलक पाने के लिए बेताब कई शहरों के लोग संगम नगरी आते हैं। इसके बाद सड़कों पर कपड़ों के ढेर लग जाते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | प्रयागराज (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited