Temples to Visit in Prayagraj: संगम स्नान के बाद करें बड़े हनुमान जी के दर्शन, ये हैं प्रयागराज के फेमस मंदिर
Famous Temple to Visit in Prayagraj: प्रयागराज में कई एतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं जिनकी मान्यता काफी है। आज हम ऐसे 5 विशेष मंदिरों के बारे में जानेंगे। देश दुनिया में मशहूर कुंभ नगरी प्रयागराज, तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है।
Temples to Visit in Prayagraj: उत्तर प्रदेश की न्यायिक राजधानी के नाम से देश दुनिया में मशहूर कुंभ नगरी प्रयागराज, तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर का इतिहास सदियों पुराना है और इस शहर का वर्णन रामायण, महाभारत जैसे भारतीय धर्मग्रंथों में भी किया गया है। यह त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का मिलन स्थल है। प्रयागराज धार्मिक नगरी होने के साथ ऐतिहासिक शहर भी है, जहां पर सम्राट अशोक द्वारा बनवाया ऐतिहासिक किला भी मौजूद है। इतना ही नहीं, प्रयागराज में कई एतिहासिक और प्राचीन मंदिर (Pryagraj ke prasiddh mandir) हैं जिनकी मान्यता काफी है। आज हम ऐसे 5 विशेष मंदिरों के बारे में जानेंगे। संबंधित खबरें
बड़े हनुमान जी का मंदिर (Bade Hanuman ji)संबंधित खबरें
धर्म की नगरी प्रयागराज में संगम किनारे शक्ति के देवता हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। यह पूरी दुनिया में अनूठा मंदिर है जहां पर बजरंगबली की लेटे हुए प्रतिमा का पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य यहां पर हनुमान जी के दर्शन के बाद ही पूरा होता है। संबंधित खबरें
पातालपुरी मंदिर (Patalpuri mandir allahabad)संबंधित खबरें
पातालपुरी मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर अमर वृक्ष यानि अक्षय वट के करीब बना है। अक्षय वट एक बरगद का पेड़ है जहां पर भगवान श्रीराम जी ने वनवास से लौटते समय विश्राम किया था। मंदिर के अंदर जाने का रास्ता प्रयागराज किले के अंदर से होकर गुजरता है। इस पेड़ को लेकर मान्यता है कि यह पेड़ हमेशा अमर रहेगा। यह मंदिर संगम के पास ही स्थित है। ऐसे में एक बार रामायण और महाभारत काल के इस मंदिर का दर्शन अवश्य करें।संबंधित खबरें
तक्षकेश्वर नाथसंबंधित खबरें
तक्षकेश्वर प्रयागराज शहर के दक्षिण में यमुना के तट पर दरियाबाद इलाके में स्थित भगवान शंकर का मंदिर है। ऐसी कथा प्रचलित है कि तक्षक नागिन भगवान कृष्ण द्वारा पीछा करने पर यहां आश्रय लिया था। यहां कई लिंग और बहुत सी मूर्तियां हैं। इसके अलावा हनुमान जी की भी मूर्ति है ।संबंधित खबरें
श्री अखिलेश्वर महादेवसंबंधित खबरें
श्री अखिलेश्वर महादेव परिसर चिनामाया मिशन के तहत रसूलबाद घाट रोड के पास प्रयागराज में लगभग 500 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। नींव के पत्थरों को 30 अक्टूबर, 2004 को परम पूज्य स्वामी तेजोमायनंदजी और चिन्मय मिशन के पूज्य स्वामी सुबोधनंदजी ने रखा था। राजस्थान के गुलाबी सैंडस्टोन को तराश कर आधार भूमि के ऊपर श्री अखिलेश्वर महादेव ध्यान मंडपम को आकार दिया गया है।संबंधित खबरें
नाग वासुकी मंदिरसंबंधित खबरें
यह मंदिर संगम के उत्तर में गंगा तट पर दारागंज के उत्तरी कोने में स्थित है । यहां नाग राज, गणेश, पार्वती और भीष्म पितामाह की एक मूर्ति हैं ।परिसर में एक शिव मंदिर है।नाग- पंचमी के दिन एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।संबंधित खबरें
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कुलदीप राघव author
कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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