लिव इन में रहने वाले कपल के खिलाफ FIR खारिज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बालिग होने का किया जिक्र

लिव इन में रहने वाले एक कपल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा कि यदि याची बालिग हैं तो उनकी स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।

allahabad highcourt

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

लिव इन में रहने वाले कपल को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने कपल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि किसी को भी उनकी जिंदगी में दखल देने का अधिकार नहीं है। जस्टिस सुनीत कुमार और सैय्यद वैज मियां ने कहा कि याची नंबर 1 और 2 दोनों हाईस्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड के मुताबिक बालिग हैं। पहले याची ने अपने पिता के घर को अपनी मर्जी से छोड़ा और वो याची नंबर 2 के साथ रह रही है। याची के वकील दिवाकर शुक्ला ने दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल बालिग हैं लिहाजा सेक्शन 366 के तहत मामला बनता ही नहीं है।

इसलिए याचिका हुई खारिज

बेंच, शाफियान जहां अशोक के एम और अन्य के वाद को सुन रही थी। अदालत में गुहार लगाई गई है कि किसी भी शख्स को उसके संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। यह राज्य की प्रारंभिक जिम्मेदारी है कि वो संविधान के तहत जो अधिकार मिले हैं उसे किसी और अनदेखा ना करे। अदालत ने कहा कि जिस तरह से याचिका में लिव इन रिलेशन का जिक्र किया गया है उसके साथ ही हाईस्कूल का प्रमाणपत्र यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि जिस दिन दोनों याची ने साथ रहने का फैसला किया था उस दिन वो बालिग थे। लिहाजा कोई भी शख्स या अथॉरिटी दोनों को एक साथ रहने से नहीं रोक सकती।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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