AI टेक्नोलॉजी से लैस होगा गंगा एक्सप्रेसवे, मौज में करिए पश्चिम से पूर्वांचल तक सफर

Ganga Expressway First AI Technology Based Expressway in UP: गंगा एक्सप्रेसवे पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंसर मॉड्यूल लागू किया जाएगा। 594 किमी लंबे 6 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे पर पहली बार इस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल किया जा रहा है। आइये जानते हैं इसके अलावा इस सड़क मार्ग की क्या खासियतें हैं?

गंगा एक्सप्रेसवे पर एआई टेक्नोलॉजी

Ganga Expressway First AI Technology Based Expressway in UP : उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे पर टेक्नोलॉजी का जबरदस्त उपयोग किया गया है। इस हाईटेक सड़क मार्ग पर तमाम सहूलियतें प्रदान करने के लिहाज से बनाया जा रहा है। खासकर, टोल, होटल-रेस्टोरेंट और ग्रीनरी का संगम दिखेगा। वहीं, एक्सप्रेसवे पर एयरो सेंसर तकनीकि का इस्तेमाल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंसर मॉड्यूल लागू होगा। इस वर्ल्ड लेवल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा। जी, हां गंगा एक्सप्रेसवे पर इस्तेमाल होने वाली इस तकनीकी को बाद में अन्य सड़क मार्गों पर लागू किया जाएगा। इसके लिए ईटीएच ज्यूरिख आरटीडीटी लेबोटरीज एजी के साथ यूपीडा (UPEIDA) ने दो अलग-अलग एमओयू किए हैं। औद्योगिक विकास विभाग के मुताबिक, इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से गंगा एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता और सहूलियतें बेहतर होंगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)सेंसर मॉड्यूल के लिए स्विटजरलैंड से तकनीकी को समझा गया है। आइये जानते हैं इस एक्सप्रेसवे की और क्या खासियतें हैं?

एक्सप्रेसवे

गंगा एक्सप्रेसवे की लागत (Ganga Expressway Cost)

आपको बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ से होगी और यह प्रयागराज में जाकर खत्म होगा। गंगा एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों से होकर गुजर रहा है। इसके निर्माण से पश्चिमी यूपी से पूर्वी यूपी पहुंचना आसान होगा। इस प्रोजेक्ट पर 40,000 करोड़ रुपये तक खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से खत्म करने की बात इसलिए भी चल रही है क्योंकि इसके रास्ते तीर्थ यात्रियों के लिए कुंभ पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है। लिहाजा, इसके काम को तेज गति के साथ किया जा रहा है। इसका ज्यादातर हिस्सा कंपलीट है। कोशिश है कि भक्तों को प्रयाग पहुंचने में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।

गंगा एक्सप्रेसवे स्पीड (Ganga Expressway Speed)गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों दौड़ाने के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। नई तकनीकि के इस्तेमाल से ईधन भी बचेगा। इसके बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल वसूला जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा, जहां रेवेन्यू कलेक्ट होगा। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास 3.5 किमी. एयरस्ट्रीप भी विकसित की जाएगी, ताकि युद्ध जैसी या आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके।

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