Holi Festival 2023: प्रयागराज में 3 साल बाद होली की धूम, 3 दिन तक चलता है इस जगह होली उत्सव, जानिए कहां

Holi Festival 2023: यहां के लोकनाथ व चौक बाजार की होली समूचे देश में प्रसिद्ध है। यहां की होली की धमक देश के कई शहरों में है। होली को लेकर एक साथ करीब 40 से 50 हजार लोग जमा होते हैं होली से पूर्व यहां पर बाजारों की सफाई करवाई जाती है। इसके बाद करीब 50 क्विंटल फूल, इतना ही गुलाल व रंग मंगाए जाते हैं। यहां पर होली से एक दिन पहले व एक दिन बाद तक रंग खेलने का दौर चलता है।

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प्रयागराज के लोकनाथ में 3 दिन तक चलता है रंगोत्सव (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • प्रयागराज के लोकनाथ इलाके में 3 दिन तक खेलते हैं होली
  • यहां की होली देखने को बेताब रहते हैं कई शहरों के लोग
  • कपड़ा फाड़ होली के नाम से मशहूर है संगम नगरी का ये इलाका

Holi Festival 2023: पौराणिक आस्था को अपने भीतर समेटे संगम नगरी प्रयागराज उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है। संगम के तीरे मौजूद इस शहर में धार्मिक आस्था की बयार प्रतिपल बहती है। यहां पर लगने वाला महाकुंभ का मेला इसके धार्मिक महत्व को और बढ़ा देता है। हालांकि यूपी में कई जगहों की होली प्रसिद्ध है, जिसमें वृंदावन, ब्रज व मथुरा आदि शहर प्रमुख हैं।

मगर संगम नगरी में भी होली का त्योहार अनूठे ढंग से मनाया जाता है। यहां के लोकनाथ व चौक बाजार की होली समूचे देश में प्रसिद्ध है। होली पर्व के मौके पर आपको बताते हैं संगम नगरी में होली सेलिब्रेशन के अद्भुत तरीके के बारे में, जिसे देख आप भी कह उठेंगे सचमुच नायाब है यहां की होली।

तीन दिन तक चलता हैं यहां रंगोत्सवसंगम नगरी का लोकनाथ व चौक इलाका होली का त्योहार मनाने का प्रमुख इलाका है। यहां की होली की धमक देश के कई शहरों में है। यही वजह है कि, इस इलाके की होली देखने के लिए कई बड़े शहरों के लोग प्रयागराज आते हैं। यहां पर होली से एक दिन पहले व एक दिन बाद तक रंग खेलने का दौर चलता है। सबसे खास बात तो ये है कि, यहां पर लोग कपड़े फाड़ने के बाद एक - दूसरे को होली की बधाई देते हैं। बता दें कि, ये इलाका शहर का पुराना बाजार है, जहां पर होली की तैयारी खास उत्साह के साथ की जाती है।

हजारों लोग बनते हैं रंगोत्सव के साक्षीप्रयागराज के लोकनाथ व चौक बाजार के इलाके में मनाई जाने वाली होली को लेकर एक साथ करीब 40 से 50 हजार लोग जमा होते हैं होली से पूर्व यहां पर बाजारों की सफाई करवाई जाती है। इसके बाद करीब 50 क्विंटल फूल, इतनी ही गुलाल व रंग मंगाए जाते हैं। बाजारों में कई जगहों पर धमाल व होली के गीतों के लिए स्पीकर लगावाए जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है रंग व गुलाल का दौर जो 3 दिन तक चलता है। यहां पर रंग खेल रहे लोगों पर छतों से रंगीन पानी की बौछारें की जाती है। यहां की होली की एक झलक पाने के लिए बेताब कई शहरों के लोग संगम नगरी आते हैं। इसके बाद सड़कों पर कपड़ों के ढेर लग जाते हैं।

3 साल बाद फिर से लोगों में उल्लासकोरोना महामारी के 3 साल बाद त्योहारों की पुरानी रोनक लौटी है, होली पर्व को लेकर लोगों में उल्लास, उत्साह व उमंग के चटख रंगों की रंगत है। महंगाई के बाद भी शहर के बाजार ग्राहकों से गुलजार हैं। अपने स्वाद व स्वस्थ खानपान के लिए मशहूर संगम नगरी के बाजारों में मिठाइयों व नमकीन की दुकानों पर खरीदारों की अच्छी भीड़ नजर आ रही है। होली पर्व पर इस बार रंगों की दुकानों से घातक रसायनों वाले रंगों के स्थान पर हर्बल व ऑर्गेनिक रंग व गुलाल सजे हैं।

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