अतीक का हिसाब आज: अपराध को बनाया परिवार का कारोबार, चार दशक से प्रयागराज के 'क्राइम किंग' का काला चिट्ठा
अतीक अहमद को सोमवार शाम को नैनी जेल लाया गया था। साबरमती जेल से निकलने के बाद उसके चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। प्रयागराज पहुंचने के बाद अतीक अहमद ने जेल के बैरक में बेचैनी में रात बिताई, वह बार-बार इधर से उधर टहलता रहा।
अतीक अहमद की कोर्ट में पेशी आज
Atiq Ahmad News: माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद के अपराधों का आज हिसाब होगा। करीब 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में 11 बजे उसकी पेशी होगी। इस मामले में अदालत सजा का भी ऐलान कर सकती है। अतीक के खिलाफ यह पहला मामला होगा, जिसमें उसे सजा सुनाई जा सकती है, जबकि उस पर हत्या, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसे 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
इससे पहले सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैली सेंट्रल जेल लाया गया। अतीक को स्पेशल सेल में रखा गया है, जिसमें उसकी निगरानी के लिए 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उसके बैरक की निगरानी सीधे मुख्यालय से हो रही है। इसी जेल में अतीक के भाई अशरफ को भी रखा गया है। हालांकि, दोनों की बैरकें अलग- अलग हैं। दोनों से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है। बता दें, अतीक का बेटा अली अहमद भी इसी जेल में बंद है।
बेचैनी में कटी अतीक की रातप्रयागराज की नैनी जेल में माफिया अतीक की रात बेचैनी में कटी। वह बार-बार बैरक में टहलता रहा। जेल पहुंचते ही अतीक को सभी जरूरी चीजें जैसे- टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश उपलब्ध कराया गया। उसे एक कंबल और चादर भी दिया गया। शाम को उसने खाने में दूध और ब्रेड लिया। इसके बाद करीब सुबह चार बजे उसने जेलकर्मियों से बाहर टहलने की गुजारिश की। अतीक ने कहा, उसे बहुत बेचैनी हो रही है और सरदर्द भी इसलिए थोड़ा खुली हवा में टहलना चाहता है। बता दें, नैनी जेल में अतीक को 10*15 स्क्वायर फीट की हाई सिक्युरिटी बैरक में रखा गया है। अतीक ने पहरे पर तैनात जेलकर्मी से देर रात पूछा कि क्या अशरफ आ गया है ।
अपराध को बनाया परिवार का कारोबारअतीक अहमद करीब चार दशकों तक प्रयागराज का क्राइम किंग रहा। उसने अपराध को ही परिवार का कारोबार बनाया और धीरे-धीरे उसका पूरा परिवार इस कारोबार में उतरता चला गया। उसके अपराध की दुनिया की शुरुआत 1979 में हुई, जब अतीक पर पहली बार हत्या का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद 6 नवंबर 1989 में अतीक अहमद पर उसके सबसे बड़े प्रतिद्वंदी माफिया चांद बाबा की हत्या का आरोप लगा। यहीं से अतीक के क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही गया। उसके आतंक का खौफ इतना था कि साल 2012 में 10 जजों ने भी अतीक के खिलाफ एक मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर दिया था।
अतीक को फांसी की सजा की मांगदूसरी तरफ, पीड़ित उमेश पाल के परिवार ने अतीक के लिए फांसी की सजा की मांग की है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उसे सड़क पर फांसी दी जानी चाहिए। अतीक को भी मौत का डर सताना चाहिए। बता दें, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे। 2006 में उमेश पाल का भी अपहरण कर लिया गया। इस मामले में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 11 लोग अरोपी थे। बता दें, बीते महीने फरवरी में उमेश पाल की भी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का आरोप भी अतीक अहमद पर है।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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