Mahakumbh 2025: महाकुंभ मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ लोग करेंगे 'अमृत स्नान', चलेंगी 60 स्पेशल ट्रेनें
Mahakumbh Mauni Amavasya Snan: 28 जनवरी यानी बुधवार को 'मौनी अमावस्या' है महाकुंभ में इस दिन महाकुंभ के सबसे पवित्र अनुष्ठान 'अमृत स्नान' का आयोजन होना है, इसके लिए बहुत तैयारियां की गई हैं।
महाकुंभ मौनी अमावस्या पर होगा 'अमृत स्नान'
मुख्य बातें
- मौनी अमावस्या के अवसर पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
- महाकुंभ मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है
- पूर्व निर्धारित संख्या के अलावा 60 विशेष ट्रेनें मौनी अमावस्या के दिन चलेंगी
Mahakumbh Mauni Amavasya Snan: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के अवसर पर लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों के लिए परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेलवे ने महाकुंभ के सबसे पवित्र अनुष्ठान 'अमृत स्नान' (Mahakumbh Amrit Snan) से पहले एक विस्तृत योजना तैयार की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि महाकुंभ में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सतीश कुमार ने एएनआई को बताया- 'हमने सावधानीपूर्वक योजना बनाई है और 13-14 जनवरी के अपने अनुभव से सीखा है... पूर्व निर्धारित संख्या के अलावा 60 विशेष ट्रेनें कल चलेंगी... 190 विशेष ट्रेनें चलेंगी। उस मार्ग पर 110 नियमित रेलगाड़ियां सामान्य रूप से चलेंगी। प्रयागराज से हर 4 मिनट में ट्रेन उपलब्ध होगी और यह एक बड़ी उपलब्धि है।'
कुमार ने कहा- 'अधिकारी और रेलवे कर्मचारी तैनात हैं और अलर्ट पर हैं। हम उनसे हर मिनट अपडेट ले रहे हैं। वॉर रूम सक्रिय हो गया है... हमें कल कम से कम 10 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है... हमारी सारी मशीनरी बहुत सक्रिय है और राज्य सरकार के साथ समन्वय में है... ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा के लिए 8000-10000 आरपीएफ जवान तैनात हैं ।'
यूपी सरकार ने मौनी अमावस्या के लिए सुरक्षा बढ़ा दी
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि महाकुंभ में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा उपाय इस दिन अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसमें हर गली-मोहल्ले में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और त्रिवेणी संगम के किनारे कई हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
महाकुंभ मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित
महाकुंभ मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, वहीं प्रयागराज प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से चार पहिया वाहनों का उपयोग करने से बचने और केवल वरिष्ठ नागरिकों को संगम तक ले जाने के लिए दो पहिया वाहनों का उपयोग करने की अपील की है।
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'दोपहिया वाहनों का उपयोग करें या पैदल चलें'
जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदर ने कहा, 'निवासियों से अनुरोध है कि वे दुनिया भर से आने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दोपहिया वाहनों का उपयोग करें या पैदल चलें।' उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, अकेले मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में भाग लिया। मंगलवार सुबह आठ बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।
हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की भी योजना
राज्य सरकार ने कहा कि उसने मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बुधवार को सुबह 6.45 बजे हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की भी योजना बनाई है।
अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के संतों और तपस्वियों का भव्य जुलूस
अमृत स्नान (जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था) महाकुंभ मेले का सबसे भव्य और पवित्र अनुष्ठान है, जो दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्रियों को त्रिवेणी संगम के तट पर आकर्षित करता है।अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के संतों और तपस्वियों का भव्य जुलूस होता है। अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के ज्योतिषीय संयोजनों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे पवित्र नदियों की आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाते हैं।
मौनी अमावस्या हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ कृष्ण अमावस्या के दिन
मौनी अमावस्या हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ कृष्ण अमावस्या के दिन पड़ती है। यह सभी विशेष स्नान तिथियों में सबसे शुभ तिथि मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों का जल 'अमृत' में बदल जाता है। मौनी अमावस्या को 'संतों की अमावस्या' भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या का स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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