Christmas 2023: इलाहाबादी क्रिसमस केक क्यों है खास, जानें क्या है इसका इतिहास

Christmas 2023: क्रिसमस का त्योहार बिना केक के अधूरा माना जाता है। केक की बात आते ही इलाहाबादी क्रिसमस केक का ख्याल आ जाता है। ये केक बहुत अनोखा है। इस केक के निर्देश एंग्लो इंडियन महिला द्वारा दिए गए और एक मुस्लिम बेकर द्वारा इसे तैयार किया गया था।

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इलाहाबादी क्रिसमस केक

Christmas 2023: क्रिसमस में अब ज्यादा समय बाकी नहीं रह गया है। हर वर्ष क्रिसमस के मौके पर लोग बहुत उत्साहित होते हैं। शहरों की रौनक देखने लायक होती है। मार्केट में बेकरी शॉप के आस-पास फ्रेश केक की सुगंध फैल रही होती है। तरहा-तरहा के केक देख मन भी ललचाता ही है। वैसे तो इस त्योहार पर स्वादिष्ट व्यंजनों की कमी नहीं होती है, लेकिन क्रिसमस पर केक प्रथम स्थान पर होता है। त्योहार बिना केक के अधूरा सा लगता है। क्रिसमस के दिन लोग केक कट करके इस त्योहार को मनाया जाता है।
भारत में हर जगह क्रिसमस के दिन कई प्रकार के केक बनाए जाते हैं, लेकिन एक केक की बात ही सबसे अलग है। हम यहां बात कर रहे हैं इलाहाबादी क्रिसमस केक के बारे में, जिसकी अपनी एक अलग पहचान है। आइए आपको इस क्रिसमस पर बताएं क्यों खास है इलाहाबादी क्रिसमस केक? इस केक की शुरुआत कैसे और किसने की थी?

इलाहाबादी क्रिसमस केक की शुरुआत कैसे हुई
इलाहाबादी क्रिसमस केक की शुरुआत उसके नाम के जैसे ही इलाहाबाद में हुई थी। इलाहाबादी केक की शुरुआत एंग्लो इंडियन समुदाय द्वारा की गई थी। जानकारी के अनुसार ब्रिटिश काल के दौरान, एंग्लो इंडियन भारत के कई स्थानों में सबसे मजबूत समुदायों में से एक था। इस समुदाय द्वारा कई स्थानों पर स्कूल और कॉलेजों की स्थापना की गई थी। लखनऊ में भी ये समुदाय मजबूत स्थिति में थे। लखनऊ के बाद जिस शहर में एंग्लो इंडियन समुदाय की मजबूती थी वह था इलाहाबाद, जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है। इस शहर में एंग्लो इंडियन व्यंजनों का विकास भारतीय मसालों और ब्रितानियों के रोस्ट और स्ट्यू के साथ था। इसमें सबसे खास चीज थी इलाहाबादी क्रिसमस केक। इस केक की शुरुआत इसी शहर में हुई थी।

क्या है इस केक की कहानी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इलाहाबादी केक को सबसे पहले 1963 में बनाया गया था। ये केक इलाहाबाद के सिविल लाइन्स की एक बेकरी में बनाया गया था। इस केक की खास बात ये है कि ये केक एंग्लो इंडियन महिला द्वारा ऑर्डर किया गया था और एक मुस्लिम बेकर द्वारा पका कर तैयार किया गया था। बता दें कि एंग्लो इंडियन महिला ने इस केक की सामग्री के बारे में बताया था। उनके द्वारा दिए निर्देशों के आधार पर बेकरी के मालिक मोहम्मद असलम द्वारा इस केक को तैयार किया गया था। उस दौरान केक बनाने वाली बेकरी में लोग अपना खुद का सामान लाते थे और अपनी आवश्यकता अनुसार केक को तैयार करवाते थे। इस केक में भारत की झलक देखने को मिलती है क्योंकि इसमें भारतीय मसालों के साथ देसी घी का प्रयोग किया गया है। अन्य केक के तरहा इसे मक्खन से नहीं बनाया जाता है। इस प्रकार इस अनोखे केक की शुरुआत हुई।

क्यों है ये केक सबसे अनोखा

इलाहाबादी क्रिसमस केक बहुत अनोखा है। इस केक को पेठा नामक सब्जी से बनाया जाता है। इस केक में मक्खन के स्थान पर देसी घी का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इस केक में रम में भिगोए मावे और मसाले भी शामिल किए जाते हैं। इन मसालों में जायफल दालचीनी, जावित्री और अदरक भी शामिल होता है। अब आप सोच रहे होंगे की केक में मसाले तो बता दें इन मसालों के कारण ही ये केक सबसे खास है। मसालों के अलावा इस केक में मुरब्बा का भी प्रयोग किया जाता है।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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