Mahakumbh 2025: टेक्नोलॉजी का केंद्र बनेगा महाकुंभ, जाति-संप्रदाय का भेद मिटाता है प्रयाग; 'एक ध्येय एक विचार' से जुड़ेंगे लोग-PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कि विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने के महा अभियान के माध्यम से प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है।

संगमनगरी में PM मोदी

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे हैं। संगम तट पर पूजा अर्चना के बाद उन्होंने जनता को संबोधित किया। पीएम ने प्रयाग वो है, जहां पग-पग- पर पुण्य क्षेत्र है। त्रिवेणी का त्रिकाल प्रभाव, वेणी माधम की महिमा। ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि प्रयाग है। महाकुंभ को लेकर उन्होंने कहा कि विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने के महा अभियान के माध्यम से प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है। प्रयागराज में संगम की इस पावन भूमि को मैं श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा ये महाकुंभ पूरी तरह डिजिटल होगा। एआई चैटबॉट 11 भाषाओं में संवाद कर श्रद्धालुओं की मदद करेगा। इस बार सभी एक ध्येय और एक विचार से जुड़ेंगें।

ये केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है। प्रयाग के बारे में कहा गया है : 'माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई। अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महाऋषि प्रयाग में आ जाते हैं। ये वो स्थान जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। प्रयागराज वो स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं में की गई है।

पीएम ने कहा कि गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामुहिकता की ऐसी शक्ति, ऐसा समागम शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। यहां आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान, सामान्य मानवी सब एक हो जाते हैं, सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, सम्प्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं।

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