Prayagraj Fraud Case: करोड़ों की ठगी की रकम इस फर्म के अकाउंट में होती थी जमा, पुलिस जांच में हुए ये खुलासे

Prayagraj Fraud Case: पुलिस गिरफ्त में आए नटवरलाल ने पूछताछ में कई हैरान करने वाले राज उगले हैं। हालांकि आरोपी अजहर अनीस उस्मानी को पुलिस ने अब जेल भेज दिया है। लेकिन पुलिस जांच में जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने वाली है। जिसमें रेलवे विभाग में स्क्रैप का टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का खेल एक फर्म के जरिए होता था। इसमे ठगी की रकम का लेनदेन फर्म के एकाउंट से होता था।

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प्रयागराज में करोड़ों की ठगी के हैरान करने वाले खुलासे हुए (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • ठगी के मुख्य किरदार ने अपने नाम से बनाई थी एक फर्म
  • झांसे में आए कारोबारियों को मिलाता था एक डॉक्टर से
  • ठगी के इस खेल में कई किरदारों की भूमिका की कर रही पुलिस जांच

Prayagraj Fraud Case: प्रयागराज में गत दिनों पुलिस गिरफ्त में आए नटवरलाल ने पूछताछ में कई हैरान करने वाले राज उगले हैं। हालांकि आरोपी अजहर अनीस उस्मानी को पुलिस ने अब जेल भेज दिया है। लेकिन पुलिस जांच में जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने वाली है। जिसमें रेलवे विभाग में स्क्रैप का टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का खेल एक फर्म के जरिए होता था। इसमें ठगी की रकम का लेनदेन फर्म के अकाउंट से होता था।

पुलिस के मुताबिक, ठगी करने के लिए फर्म आरोपी अजहर अनीस उस्मानी ने अपने नाम से बनाई थी। जिसके अकाउंट से रुपए निकाल कर वह आगे भेजता था। बता दें कि, अजहर ने जेल जाने से पूर्व पुलिस पूछताछ में ये सारे राज उगले हैं। बस यहीं से पुलिस ने अपनी जांच की दिशा आगे बढ़ाई तो कई अहम सुराग सामने आए। जिसमें आरोपी के संग कई और नाम सामने आए हैं। अब पुलिस उन तक पहुंचने की कोशिश में है। पुलिस के मुताबिक, ठगी की रकम को रेलवे मे स्क्रैप टेंडर के नाम पर आगे पहुंचाता था।

आरोपी एक डॉक्टर के नाम पर करता था ठगीजॉर्ज टाउन एसएचओ धीरेंद्र सिंह के मुताबिक, धोखाधड़ी के इस बड़े खेल में मुख्य आरोपी अजहर एक रेलवे डॉक्टर के नाम पर ठगी करता था। जिसमें उसके चंगुल में फंसे सभी कारोबारियों को वह डॉक्टर से मिलवाता था। इसके बाद कारोबारी इसके झांसे में आकर पैसा लगाने को तैयार हो जाते थे। एसएचओ के मुताबिक, अब जांच में इस बात का पता लगाया जा रहा है कि, आखिर पूरे मामले में डॉक्टर की क्या भूमिका रही है। वहीं एक चतुर्थ श्रेणी कार्मिक के बैंक अकाउंट की जानकारी भी जुटाई जाएगी, जिसका नाम जांच में आरोपी अजहर ने बताया था। एसएचओ के मुताबिक, अब जांच में हर एक बिंदू की गहनता से पड़ताल की जा रही है। अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल ये है कि, आखिर ऐसा क्या था कि, बड़े कारोबारी आरोपी के झांसे में आकर करोड़ों रुपए का निवेश करने के लिए तैयार हो जाते थे। गौरतलब है कि, प्रयागराज के एक टायर कारोबारी रजत ने सबसे पहले जॉर्ज टाउन थाने में गत दिनों 1.95 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज करवाया था। जांच में सामने आया है कि, कानपुर के 3 कारोबारियों ने 17 करोड़ की ठगी का आरोप लगाया है। पुलिस के मुताबिक, मऊआइमा के एक कारोबारी ने अजहर पर 80 लाख की ठगी का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि, ठगी के मुख्य किरदार अजहर अनीस उस्मानी ने रेलवे स्क्रैप का ठेका दिलाने का झांसा देकर रेलवे बोर्ड के निदेशक के फेक साइन व मुहर लगाकर जाली आदेश तैयार कर कई लोगों से करोड़ों की ठगी की थी।

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