महाकुंभ के लिए सज-संवरकर तैयार हुआ प्रयागराज, गली-चौराहों पर बिखरे संस्कृति के रंग

प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो रही है। जिसमें दुनियाभर से श्रद्धालुओं शामिल होने वाले हैं। उनके स्वागत के लिए प्रयागराज में तैयारियां की जा रही है। शहर के गली-चौराहों पर दीवारों को सुंदर आकृतियों से उकरेगा जा रहा है। शहरभर में महाकुंभ की रौनक दिखने लगी है।

प्रयागराज

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज देश दुनिया से पधारने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु तैयार है। गली, चौराहों पर महाकुंभ की रौनक दिखने लगी है। दीवारों में भी संस्कृति के रंग भरे जा रहे हैं। भारत की सभ्यता को चित्रों के माध्यम से उकेरा जा रहा है।12 साल बाद लगने वाले महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस बार महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। यह 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।

चित्रों से सभ्यता-संस्कृति को दिखाने का प्रयास

पेंटिंग कलाकार राकेश कुमार ने कहा, “हम लोग यहां के सौंदर्य को रंगों के जरिए उकेर रहे हैं। घाट कैसे हैं ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जो कला लगभग भुला दी गई है उसे जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम यह इसलिए भी कर रहे हैं, ताकि जो लोग बाहर से आएं उन्हें देखकर अच्छा लगे और खूबसूरत यादों संग लौटें। हम इन चित्रों के माध्यम से अपनी सभ्यता और संस्कृति को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। घाटों के अलावा मंदिरों की आकृति भी खींच रहे हैं। मधुबनी पेटिंग भी दीवारों की शोभा बढ़ा रही है।”

सबसे ज्यादा बनाई जा रही मधुबनी पेटिंग

कृष्ण कुमार कहते हैं, “महाकुंभ को देखते हुए हम लोग इस तरह की मनोरम पेटिंग बना रहे हैं, ताकि यहां आने वाले लोगों को इसे देखकर अच्छा लगे। हम लोग यह पेटिंग इसलिए भी बना रहे हैं, ताकि प्रयागराज दमक उठे। हम लोग सबसे ज्यादा मधुबनी पेटिंग बना रहे हैं, क्योंकि ऐसा देखने को मिल रहा है कि लोग मधुबनी पेटिंग को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा, इसमें कुंभ और भारतीय संस्कृति की भव्यता की भी झलक है ।”

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