Prayagraj Weather Update: आने वाले दिनों में नहीं मिलेगी ठंड से राहत, सर्दी का सितम रहेगा जारी, लुढ़केगा पारा

Weather Information: प्रयागराज में आने वाले दिनों में ठंड के कम होने के आसार नहीं है। इस ठंड से लोगों को अभी कुछ दिनों तक राहत नहीं मिलने वाली है। शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए बताया है कि, शहर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ सकता है। वर्तमान में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

Prayagraj Weather News (1)

प्रयागराज में आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी शीतलहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • 2 जनवरी से और ठंड बढ़ने के हैं आसार
  • ठंड और कोहरे के चलते ट्रेनों का परिचालन प्रभावित
  • पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का मैदानी इलाकों में असर

Prayagraj News: प्रयागराज में मौसम ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया हैं। धीमी हवा के साथ गलन बढ़ गई है। न्यूनतम पारा 9 डिग्री सेल्सियस, जबकि मैक्सिमम पारा 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। न्यूनतम और अधिकतम पारे के बीच लगभग 11 डिग्री सेल्सियस का बड़ा अंतर देखने को मिला है। ऐसे में हवा ने गलन बढ़ा दी है।

बता दें कि, बीते दिनों से सुबह और शाम के तापमान में विशेष गिरावट देखने को मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से न्यूनतम पारा 8 से 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार नजर आ रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में सर्दी का सितम और बढ़ सकता है।

फ्लाइट सेवा पर पड़ रहा असरमिली जानकारी के अनुसार, ठंड बढ़ी है तो बाजारों में भीड़ कम हो गई है। शाम सात बजे के बाद से ही प्रयागराज के बाजारों में भीड़ कम होने लगी है। वहीं, दूसरी ओर ठंड और कोहरे के चलते ज्यादातर ट्रेनें अपने समय से घंटों देरी से चल रही हैं। एक दर्जन से ज्यादा शहरों से आने और जाने वाली फ्लाइट निरस्त चल रही हैं।

इस वजह से गिर रहा तापमानमौसम विभाग के अनुसार, मौसम में जो भी गलन बढ़ी है उसका कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का होना है। आने वाले दिनों में अभी गलन और बढ़ सकती है। जनवरी के पहले सप्ताह में गलन अपने चरम पर रहेगी। बता दें कि, पश्चिमी विक्षोभ के कारण जब भी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होती है तो बफीर्ली हवाएं चलने लगती हैं। ये हवाएं जब मैदानी क्षेत्रों की ओर बढ़ना शुरू होती हैं तो इन हवाओं में काफी नमी होती है। मैदानी क्षेत्र में तापमान ज्यादा होता है। धूप निकली हुई रहती है। जब ये पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली हवाएं धूप के संपर्क में आती हैं तो ऊष्मा के चलते शीत में बदल जाती है। इसी कारण से मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवाएं ऊपर उठकर चली जाती हैं और गलन काफी बढ़ जाती है।

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