प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में कैदियों की पहचान बना 'शतरंज'

प्रयागराज नैनी कारागार के आठ कैदी अब अपनी पहचान बदलने की कोशिश में जुटे हैं। इन कैदियों का उद्देश्य है कि जीवन में अब कुछ ऐसा करें कि लोग उन्हें उनके अपराध नहीं अच्छे काम के लिए पहचाने। ये सभी अब शतरंज खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाने में जुटे हैं। इन कैदियों को विश्व चेस फेडरेशन की ओर से अंतरमहाद्वीपीय जेल शतरंज प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया है।

नैनी जेल में शतरंज प्रतियोगिता

मुख्य बातें
  • 8 कैदी विश्व चेस फेडरेशन की ओर से अंतरमहाद्वीपीय जेल शतरंज प्रतियोगिता में हुए चयनित
  • केंद्रीय कारागार नैनी और पुणे की टीम भारत की ओर से विदेशी टीमों को देंगी टक्कर
  • इस प्रतियोगिता में 42 देशों के 85 टीमें हो रही हैं शामिल

Prayagraj: उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के केन्द्रीय कारागार नैनी के आठ कैदियों ने अपनी पहचान बदलने की ठान ली है। ये कैदी चाहते हैं कि उनकी पहचान उनके अपराध और कैदी के रूप में न होकर एक खिलाड़ी के रूप में हो। वो खिलाड़ी जिसने देश का नाम रोशन किया हो। ये सभी कैदी अब शतरंज खिलाड़ी के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। इनका चयन विश्व चेस फेडरेशन की ओर से अंतरमहाद्वीपीय जेल शतरंज प्रतियोगिता के लिए हुआ है।

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प्रतियोगिता में 42 देशों की 85 टीमें शामिल हो रही हैं। जिसमें प्रयागराज के केंद्रीय कारागार नैनी और पुणे की टीम भारत की ओर से प्रतियोगिता में विदेशी टीमों को टक्कर देंगी। 13 और 14 अक्टूबर को दोनों टीमें ऑस्ट्रेलिया और एशिया की टीम के साथ खेलेंगी।

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