प्रयागराज: संगम नगरी के अक्षयवट परिसर की अब बदलेगी तस्वीर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर होगा विस्तार, ये है पूरी योजना
Prayagraj: वाराणसी में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर अक्षयवट परिसर बनेगा। अक्षयवट परिसर की डीपीआर भी बन कर तैयार है। जिसे प्रयागराज मेला प्राधिकरण व प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से एक कंसल्टेंसी कंपनी व मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सहयोग से तैयार करवाया है। निर्माण कार्य को प्रयागराज विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग व मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज करवाएगा।
प्रयागराज में अब अक्षयवट परिसर का होगा विस्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- संगम नगरी में अब अक्षयवट परिसर की बदलेगी तस्वीर
- केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
- काशी विश्वनाथ काॅरिडोर की तर्ज पर होगा परिसर का विकास
Prayagraj: त्रिवेणी संगम के तट पर अकबर की ओर से बनवाए गए किले में आदिकाल से मौजूद अक्षयवट परिसर की तस्वीर आने वाले दिनों में देखते ही बनेगी। इसके लिए वाराणसी में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर अक्षयवट परिसर बनेगा। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसमें रुचि दिखाई है। यही वजह है कि, इतनी जल्दी इस परियोजना को यूपी सरकार से मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद यहां का परिसर श्रद्धालुओं की दर्शन-पूजन की राह और आसान हो जाएगी। संबंधित खबरें
पूर्व में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेना के आला अफसरों को अक्षयवट परिसर के निर्माण में कार्यदायी संस्था को सहयोग करने के निर्देश भी दे चुके हैं। अक्षयवट परिसर की डीपीआर भी बन कर तैयार है। जिसे प्रयागराज मेला प्राधिकरण व प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से एक कंसल्टेंसी कंपनी व मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सहयोग से तैयार करवाया है। सूत्रों के मुताबिक, निर्माण कार्य को प्रयागराज विकास प्राधिकरण, पर्यटन विभाग व मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज करवाएगा।संबंधित खबरें
अब ऐसी होगी वटवृक्ष परिसर की तस्वीरकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के मुताबिक, संगम नगरी में अक्षयवट परिसर एवं महाकुंभ 2025 केंद्र और प्रदेश सरकार की एक महात्वाकांक्षी परियोजना है। इसे मंजूरी मिल चुकी है, वहीं पूरे प्रोजेक्ट का एस्टीमेट भी बनकर तैयार है। इसके अलावा संबंधित महकमों से इसे सैंद्धांतिक हरी झंडी मिल चुकी है। अब परिसर में शीघ्र ही निर्माण कार्य आरंभ करवाए जाएंगे। डीपीआर के मुताबिक, अक्षयवट परिसर को काशी विश्वनाथ परिसर की तर्ज पर बनाया जाएगा। फोर्ट में एंट्री के लिए स्नान घाट की तरफ से प्रवेश व निकास के लिए शानदार दरवाजे बनेंगे। वहीं अक्षयवट के चबूतरे के सौंदर्यीकरण के लिए राजस्थान के मार्बल व गुजरात से विशेष टाइलें मंगवाकर जड़ी जाएंगी। चबूतरे का निर्माण कार्य भी गुजरात, राजस्थान व महाराष्ट्र के कारीगर भी करेंगे।
ये सुविधाएं होंगी डेवलपकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के मुताबिक, वटवृक्ष परिसर में खूबसूरत रोशनी के अलावा रास्ते पर एलईडी स्क्रीन, लाइट एंड साउंड सिस्टम लगाया जाएगा। यहां पर लोगों के आने-जाने के लिए संगमरमर से अक्षयवट परिपथ बनाया जाएगा। वहीं कैंपस में हनुमान मंदिर व सरस्वती कूप भी शामिल होंगे। बता दें कि, महाकुंभ 2025 के पहले अक्षयवट कैंपस तैयार हो जाएगा। पीएम मोदी द्वारा इसके लोकापर्ण की संभावना है।
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