प्रयागराज: सुपरफास्ट ट्रेनों का हब बनेगा प्रयागराज, ट्रैक को बनाया जाएगा सबसे सुरक्षित

Prayagraj: उत्तर-मध्य रेलवे से गुजरने वाले दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने से पहले इनकी सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस वे के जैसे सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। मिशन रफ्तार परियोजना के तहत वर्ष 2024 तक इन दोनों मार्गों पर ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा किए जाने का लक्ष्य है। इन्हीं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एनसीआर रेल प्रशासन ने ट्रैक के दोनों ओर अब मेटल बीम क्रैश बैरियर लगाने का निर्णय लिया है।

Prayagraj Railway Update

सुपरफास्ट ट्रेनों का हब बनेगा प्रयागराज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • एनसीआर से गुजरने वाले रेल मार्ग पर सुरक्षा बढ़ेगी
  • ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा करने का है लक्ष्य
  • ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनेगी व मेटल बीम क्रैश बैरियर लगेंगे

Prayagraj: उत्तर-मध्य रेलवे से गुजरने वाले दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने से पहले इनकी सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस वे के जैसे सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। इसके अलावा एनसीआर के अधीन इन दोनों ही रेलमार्ग पर अब मेटल बीम क्रैश बैरियर भी लगाया जाएगा। इसके लिए एनसीआर रेल प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, मिशन रफ्तार परियोजना के तहत वर्ष 2024 तक इन दोनों मार्गों पर ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा किए जाने का लक्ष्य है। रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आने के कारण आए दिन रेल संचालन बाधित होता है।

ट्रेक की सुरक्षा के लिए होंगे ये इंतजाम रेलवे एनसीआर के जीएम सतीश कुमार के मुताबिक, रेलवे ट्रैक के संरक्षण व सुरक्षा पुख्ता करने का काम रेलवे एनसीआर द्वारा किया जा रहा है। जिसमें ऑटोमेटिक सिग्नलिंग का काम पूरा होने समेत सभी स्थानों पर रेलवे ट्रैक को भी बदला गया है। कुछ स्थानों पर दीवार भी बनाई गई है। वहीं जहां दीवार नहीं है, अब वहां मेटल बीम क्रैश बैरियर लगाया जाएगा। जीएम के मुताबिक, मेटल बीम क्रैश बैरियर का प्रयोग एक्सप्रेस वे में काफी कारगर रहा है। इसके लग जाने के बाद एक्सप्रेस वे पर जानवर नहीं आ पाते। इसलिए इस तरह के इंतजाम अब रेलवे ट्रैक पर भी होंगे।

मवेशी करते हैं रेल संचालन बाधितरेलवे एनसीआर के जीएम के मुताबिक, रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आने के कारण आए दिन रेल संचालन बाधित होता है। दरअसल, ट्रैक के किनारे पैसेंजर्स सफर के दौरान पड़े खाने पीने के सामान फेंक देते हैं, जिसकी वजह से मवेशी ट्रैक पर आ जाते हैं व ट्रेनों की चपेट में आ जाते हैं। जीएम के मुताबिक, वंदे भारत हाई स्पीड ट्रेन की चपेट में कई बार मवेशी आ चुके हैं। इन्हीं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एनसीआर रेल प्रशासन ने ट्रैक के दोनों ओर अब मेटल बीम क्रैश बैरियर लगाने का निर्णय लिया है। यह सब योजनाएं इसी वित्तीय वर्ष से शुरू हो जाएंगी। जीएम के मुताबिक, एनसीआर में दौड़ रही ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा किए जाने का लक्ष्य है।

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