इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करना केजरीवाल को भी आया पसंद? AAP सांसद ने किया फैसले का गुणगान
क्या अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को भाजपा सरकार के नाम बदलने वाले फैसले पसंद आने लगे हैं? ये सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि आन आदमी पार्टी के एक सांसद ने कहा है कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करना ऐतिहासिक कदम है। आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा।

AAP सांसद ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करना ऐतिहासिक कदम बताया।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद ने सोमवार को राज्यसभा में 'इलाहाबाद' नाम पर अपना एतराज जताया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल ने बताया कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि शहर का नाम तो प्रयागराज हो गया है लेकिन कोर्ट और विश्वविद्यालय के नाम में अभी भी इलाहाबाद है।
इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने को बताया ऐतिहासिक कदम
राज्यसभा में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ, इंडियन पीनल कोड को भारतीय न्याय संहिता और इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को एक ऐतिहासिक कदम बताया। गौरतलब है कि ये परिवर्तन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट और विश्वविद्यालय को लेकर कह दी ये बड़ी बात
अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि कुछ दिन पूर्व उन्हें प्रयागराज जाकर महाकुंभ में स्नान करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि यहां उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि शहर का नाम तो प्रयागराज हो गया लेकिन वहां हाईकोर्ट का नाम अभी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट है। इसी तरह वहां स्थित प्रसिद्ध विश्वविद्यालय का नाम आज भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वहां लोकसभा क्षेत्र का नाम भी इलाहाबाद है न कि प्रयागराज।
आप सांसद अशोक मित्तल ने ब्रिटिश काल के नामों का भी किया जिक्र
राज्यसभा में बोलते हुए मित्तल ने ब्रिटिश काल के नामों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन का शोषण सहा है। राजनीतिक स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी हमारे हाईकोर्ट, हमारे अस्पताल, हमारे विश्वविद्यालय व कई ऐतिहासिक इमारतें ब्रिटिश नामों पर हैं। उन्होंने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ, इंडियन पीनल कोड को भारतीय न्याय संहिता और इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके एक राष्ट्रवादी सोच का परिचय दिया गया है।
लेकिन इसके साथ ही उन्होंने प्रश्न किया कि क्या इतना कर देना काफी है। मित्तल ने कहा कि आज भी हमारे कई हाईकोर्ट जैसे मुंबई हाईकोर्ट, मद्रास हाईकोर्ट, कोलकाता हाईकोर्ट ब्रिटिश काल के नाम को ढो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मिंटो रोड, हेली रोड, चेम्सफोर्ड रोड ब्रिटिश नामों को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लेफ्टिनेंट एडवर्ड्स की कब्र है जिसने 1857 की क्रांति में भारतीयों को बुरी तरह कुचला था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की समाधियों को संरक्षित रखने के लिए हम जनता का पैसा खर्च कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में भी इस प्रकार के मुद्दे हैं, इसके लिए वह राज्यों के मुख्यमंत्री को अलग से पत्र लिखेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे कि पश्चिम बंगाल में कलकत्ता यूनिवर्सिटी और तमिलनाडु में मद्रास यूनिवर्सिटी है। ऐसे अन्य भी कई स्थान हैं जिसके लिए वह इन राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि एक संसदीय समिति बनाई जाए जो ब्रिटिश नामों वाले संस्थाओं की पहचान करें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। प्रयागराज (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा संगठनात्मक बदलाव, घोषित किए सभी 75 जिलों के जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्षों के नामों का भी ऐलान

UP: हाथरस में प्रोफेसर पर शोषण और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप, पुलिस ने प्रयागराज से किया गिरफ्तार

बाबा रामदेव बचपन याद करते हुए गंगा में लगाई डुबकी, तैरते हुए पहुंचे हर की पौड़ी; देखें वीडियो

भ्रष्टाचार पर सीएम योगी का बड़ा एक्शन, डिफेंस एक्सपो जमीन घोटाले के आरोपी IAS अभिषेक प्रकाश को किया निलंबित

IGI एयरपोर्ट को लेकर आई बड़ी खबर, इस दिन से चालू होगा टर्मिनल 1, फ्लाइट्स भरेंगी उड़ान
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited