ईमानदार चोर! चोरी के बाद चिट्ठी लिखकर किया पश्चाताप, लौटाई 100 साल पुरानी राधा-कृष्ण की मूर्ति

प्रयागराज में 100 साल पुरानी राधा-कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति गऊघाट आश्रम में स्थित राम-जानकी मंदिर से चोरी हो गई थी। एक सप्ताह बाद यह मूर्ति हंडिया-कोखराज की सर्विस रोड से चोर के माफीनामे के साथ मिली है।

राधा-कृष्ण की मूर्ति लौटाई (सांकेतिक फोटो)

Prayagraj News: प्रयागराज के शृंग्वेरपुर के गऊघाट आश्रम मंदिर से चोरी हुई राधा-कृष्ण की मूर्ति को चोर ने 8 दिन बाद वापस कर दिया है। यह अष्टधातु मूर्ति 100 साल पुरानी है, जिसे हाईवे के सर्विस मार्ग के बगल से बरामद किया गया है। पुलिस को इस मूर्ति के साथ चोर का माफीनामा भी मिला है। जिसमें चोर ने पश्चाताप करने के साथ माफी मांगते हुए मूर्ति लौटाने की बात कही है। मूर्ति वापस मिलने के बाद मंहत ने पूजा के बाद उसे मंदिर में स्थापित कर दिया है।

हंडिया-कोखराज की सर्विस रोड पर मिली मूर्ति

एक सप्ताह पहले गऊघाट आश्रम में राम-जानकी मंदिर का ताला तोड़कर चोर ने अष्टधातु की 100 साल पुरानी राधा-कृष्ण की मूर्ति चुराई थी। इस मामले में आश्रम के महंत स्वामी जयराम दास महाराज ने तहरीर दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया था। लेकिन मूर्ति का कोई सुराग नहीं मिला। मंगलवार को सुबह 11:30 बजे के करीब हंडिया-कोखराज की सर्विस रोड पर किसी ने आश्रम के सामने मूर्ति को देखा। जिसके बाद महंत को जानकारी दी।

पत्र में चोर ने मांगी माफी

पुलिस को मूर्ति के साथ में एक पत्र भी बरामद हुआ। जिसमें चोर ने लिखा की उसने जब से मूर्ति चुराई है, तब से बुरे सपने आ रहे है। उसके बेटे का स्वास्थ्य भी खराब हो गया है। चोर ने लिखा कि महाराज जी मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। मुछे क्षमा कर दें। पत्र के साथ चोर ने चुपचाप मूर्ति को वापस लौटा दिया

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