अनोखी दास्तां : सिर्फ एक दिन के लिए भारत की राजधानी बना ये शहर, जानिए नाम और वजह

देश की मौजूदा राजधानी दिल्ली है, जिसे साल 1911 में राजधानी बनाया गया। इससे पहले कलकत्ता शहर देश की राजधानी था। लेकिन देश में एक ऐसा शहर भी है, जो सिर्फ एक दिन के लिए राजधानी बना। जानिए उस शहर का नाम और एक दिन की राजधानी की वजह क्या है।

भारत की एक दिन की राजधानी

देश की राजधानी का नाम क्या है? यह प्रश्न आज बचकाना लग सकता है, क्योंकि हर कोई जानता है देश की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्र को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR कहा जाता है। दिल्ली का अपना बहुत ही समृद्ध इतिहास है। भारत पर राज करने की चाहत रखने वाले तमाम राजाओं ने दिल्ली के तख्त को कब्जाने की कोशिश की। जिन राजाओं ने देश के ज्यादातर हिस्से पर राज किया, वह दिल्ली से ही राज-काज चलाते थे। इतिहास की दृष्टि से देखें तो दिल्ली को साल 1911 में राजधानी बनाया गया। लेकिन इतिहास में एक दिन और शहर ऐसा भी है जब 24 घंटे के लिए किसी अन्य शहर को देश की राजधानी बनाया गया था।

मुगलों की राजधानी

मुगल बादशाह बाबर से लेकर अकबर और जहांगीर तक ने आगरा से हिंदुस्तान पर राज किया। हालांकि, शाहजहां अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लेकर आया। इसके बाद औरंगजेब ने भी दिल्ली से ही हिंदुस्तान पर राज किया। मराठों ने भी मुगलों के आतंक से देश को मुक्ति दिलाने और देश पर राज करने के लिए दिल्ली को ही चुना।

इतिहास के पन्ने पलटें

इतिहास के पन्नें पलटें तो आप पाएंगे कि दिल्ली को साल 1911 में राजधानी बनाया गया। इसी साल अंग्रेज भारत की राजधानी को कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली लेकर आए थे। इससे पहले अंग्रेज कलकत्ता से ही देश पर राज करते थे। हालांकि, इतिहास में कई ऐसे अवसर आए, जब देश के अलग-अलग हिस्सों से देश की बागडोर थामी गई और उसे राजधानी घोषित किया गया।
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