Prayagraj News: गंगा में गिर रहा नालों का पानी, रोकने के लिए तैयार की गई योजना, बनेंगे तीन नए एसटीवी

Prayagraj News: प्रयागराज में नालों का दूषित पानी गंगा में प्रवाहित होकर उसे भी दूषित न करे, इसे रोकने के लिए तीन नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने की तैयारी की जा रही है। ये तीनों प्लांट अलग-अलग स्थान पर बनेंगे। इसके माध्यम से पानी को गंगा में प्रवाहित होने से रोका जाएगा।

गंगा में गिर रहे नालों के पानी को रोकने के लिए बनेगा सीटीपी

Prayagraj News: प्रयागराज में नालों का पानी गंगा-यमुना में प्रवाहित होने से रोकने के लिए यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार, तीन नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, जिसके माध्यम से नालों के पानी को गंगा-यमुना में प्रवाहित होने के रोका जाएगा। एसटीपी को बनाने की योजना तैयार है और इसका निर्माण लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा। बता दें कि इसके ट्रैंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये तीनों एसटीपी तीन अलग स्थानों पर बनाए जाएंगे।

इन स्थानों पर बनेगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, गंगा-यमुना के पानी में दूषित पानी को प्रवाहित होने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नैनी, सलोरी और राजापुर क्षेत्र में अलग-अलग क्षमता के अनुसार बनाए जाएंगे। इसके निर्माण में 481 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। बता दें कि राजापुर में 90 एमएलडी क्षमता वाला, सलोरी में 43 एमएलडी क्षमता वाला और नैनी में 50 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी बनाया जाएगा। नैनी में बनने वाले एसटीपी की लागत 68 करोड़ होगी, सलोरी वाले एसटीपी की लागत 175 करोड़ और राजापुर के एसपीटी की लागत 238 होगी, जो बाकी की तुलना में सबसे अधिक है।
मिली जानकारी के अनुसार, इससे पहले 10 एसटीपी का निर्माण किया जा चुका है। जो करीब 340 एमएलडी दूषित पानी गंगा में प्रवाहित होने से रोकती है और उन्हें शोधित किया जाता है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, प्रयागराज में 76 नाले है, जिसमें से प्रतिदिन 475 एमएलडी दूषित पानी निकलता है। एसटीपी के माध्यम से 33 नाले टैप किए जाएंगे। जिनसे निकलने वाले दूषित पानी को शोधित किया जाएगा।
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