सावधान! गंगा-यमुना के सैलाब का शिकार हो सकता है प्रयागराज, NDRF-SDRF को भेजी गई रिपोर्ट

प्रयागराज क्षेत्र में बह रहीं गंगा-यमुना में तेजी के सात जलस्तर बढ़ रहा है। बिगड़ते हालात को देखते हुए बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 18 बाढ़ राहत शिविर बनाने, 98 बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय करने, 200 नावें व 22 स्टीमर लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।

गंगा यमुना में बाढ़

Flood in Prayagarj: पहाड़ों में भारी बारिश से मैदानी इलाकों में बह रहीं नदियां अपने साथ भारी मात्रा में पानी लेकर बह रही हैं। खासकर, गंगा-यमुना में बाढ़ की स्थित है। कछार यानी तराई क्षेत्रों में गंगा का पानी घुसने लगा है। गंगा खतरे के निशान से सात मीटर और यमुना 9 मीटर नीचे बह रही है, लेकिन बीते 24 घंटे में गंगा-यमुना का बढ़ता जलस्तर डरा रहा है। इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो जल्द ही खतरे के निशान के आस-पास पहुंचने की संभावना है। ऐसे में कछारी इलाके में बुरा प्रभाव पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार से शनिवार तक 1.33 मीटर गंगा का पानी और 95 सेमी. यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई है।

छात्रों पर मंडराया बाढ़ का संकट

प्रयागराज में तटीय इलाके में निर्मित घरों में किराये के कमरों में छात्र रहकर तैयारी करते हैं। पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के सामने संकट मंडरा रहा है।
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