हर हाथ में होगा महाकुम्भ का मानचित्र, देख पाएंगे सभी आयोजन; योगी सरकार ने गूगल संग किया करार

Maha Kumbh Mela 2025: महाकुम्भ 2025 को डिजिटल स्वरूप प्रदान करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में प्रयागराज परेड मैदान में गूगल ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया। बता दें कि संगम नगरी का डिजिटल मानचित्र हम देख पाएंगे, हर व्यक्ति अपने स्मार्टफोन पर हर गतिविधि और आयोजन देख सकेगा।

Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार: https://x.com/myogiadityanath)

Maha Kumbh Mela 2025: महाकुम्भ 2025 को डिजिटल स्वरूप प्रदान करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की उपस्थिति में प्रयागराज परेड मैदान में गूगल ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया।

महाकुम्भ के लिए भी होगी नेविगेशन सुविधा

गूगल की ओर से कंपनी के पॉलिसी प्रमुख सिद्धार्थ सिंह और प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत गूगल 4000 हेक्टेयर में बसने जा रहे महाकुम्भ मेले के लिए 'नेविगेशन' सुविधा उपलब्ध कराएगी। कंपनी के इतिहास में पहली बार किसी अस्थायी नगर के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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मुख्यमंत्री ने इस समझौते को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गूगल के साथ एक एमओयू हुआ है। संगम नगरी का डिजिटल मानचित्र हम देख पाएंगे, हर व्यक्ति अपने स्मार्टफोन पर हर गतिविधि और आयोजन देख सकेगा।

'सफाईकर्मियों का हो सम्मान'

महाकुम्भ के आयोजन की नींव कहलाने वाले सफाईकर्मियों, स्वेच्छाग्राहियों और नाविकों को किट और जैकेट वितरित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले कुम्भ में इन सफाईकर्मियों के पाद प्रक्षालन के माध्यम से संदेश दिया था कि वास्तव में स्वच्छ कुम्भ की नींव वास्तव में ये सफाईकर्मी हैं जिनका सम्मान होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि कुम्भ भी स्वच्छता, सुरक्षा और भव्यता का प्रतीक बन सकता है। कुम्भ के माध्यम से आने वाला हर व्यक्ति सुकून महसूस करके असीम अध्यात्मिक शांति की अनुभूति कर सकता है, यह दृश्य 2019 के कुम्भ में देखने को मिला।

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महाकुम्भ के प्रमुख स्नान

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के प्रमुख स्नान पर्व गिनाते हुए कहा कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकर संक्रांति (शाही स्नान), 29 जनवरी को मौनी अमावस्या (शाही स्नान), 3 फरवरी को बसंत पंचमी (शाही स्नान), 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि 26 फरवरी के बाद हम आपका (सफाईकर्मियों) अभिनंदन करने फिर यहां आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रयागराज आगमन है। वह लगभग 6500 करोड़ रुपये से अधिक की कुम्भ की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।

मुख्यमंत्री इससे पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक मदन मोहन मालवीय के प्रपौत्र न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के घर गए जहां उन्होंने गिरिधर मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त की। बीते दिनों न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय का निधन हो गया था।

(इनपुट: भाषा)

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अनुराग गुप्ता author

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