वृंदावन में कैसे पहुंचें प्रेमानंद महाराज के आश्रम, किस तरह आसानी से होंगे दर्शन, ये रहा पूरा प्रोसेस
Premanand Maharaj Ke Darshan Kaise Kare : प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध पांडेय था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक गांव में हुआ था। हालांकि 13 वर्ष की अल्पायु में ही प्रेमानंद महाराज ने घर का त्याग कर दिया था। इसके बाद वे कानपुर से सीधे वृंदावन आ गए।
प्रेमानंद महाराज।
Premanand Maharaj Ke Darshan Kaise Kare : वृंदावन के फेमस संतों की बात हो और प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) की चर्चा न हो, ऐसा असंभव है। प्रेमानंद महाराज की गिनती राधारानी के परम उपासकों और देश के फेमस संतों में होती है। हमेशा पीले वस्त्रों को धारण कर किए रहते हैं। आपने भी प्रेमानंद महाराज को आजकल फेसबुक, इंस्टाग्राम या फिर यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सत्संग करते या फिर भक्तों को दीक्षा देते हुए देखा होगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि, आप वृंदावन में प्रेमानंद महाराज के दर्शन कैसे कर सकते हैं और उनके आश्रम कैसे पहुंचें ?
कौन हैं प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध पांडेय था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित एक गांव में हुआ था। हालांकि 13 वर्ष की अल्पायु में ही प्रेमानंद महाराज ने घर का त्याग कर दिया था। इसके बाद वे कानपुर से सीधे वृंदावन आ गए जहां पर वे चैतन्य महाप्रभु की लीलाएं देखते और उनका आंनद उठाते थे। यहीं वो जगह थी जहां से प्रेमानंद महाराज की यात्रा आगे बढ़ी। वल्लभ संप्रदाय से जुड़ने के बाद वे श्री गौरंगी शरण जी महाराज की सेवा में लग गए। हालांकि अब प्रेमानंद महाराज की उम्र 60 बरस बताई जाती है, दोनों किडनी फेल होने के बाद भी वे पूरी ऊर्जा के साथ राधारानी की भक्ति की उपासना करते हैं और भक्तों को भी यही सलाह देते हैं।
कैसे करें महाराज के दर्शन
अगर आप भी प्रेमानंद महाराज के दर्शन करना चाहते हैं और उनकी गुरुवाणी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके काम का है। दरअसल , प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करने के लिए आपको वृंदावन आना होगा। आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट 'वृंदावन रस महिमा' पर या 088689 85762 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। अगर आप राधा केलि कुंज के बाहर सिर्फ दर्शन करना चाहते हैं तो वहां आपको 2.30 से 3 बजे सुबह पहुंचना होगा। हालांकि सत्ंसग और एकांतिक वार्तालाप के लिए आपको टोकन हासिल करना होता है और यह सुबह 9.15 से सुबह 10.15 तक राधा केलि कुंज में मिलता है। इस दौरान आपको भक्तों की लंबी-चौड़ी लाइन लगी मिलेगी जो महाराज जी के दर्शन करने आती है। वेबसाइट के मुताबिक आप प्रेमानंद महाराज का आश्रम रात आठ बजे तक ही खुला रहता है।
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शाश्वत गुप्ता author
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