Drone Ban In Pune: पुणे में इन जगहों पर ‘ड्रोन बैन’, अब नहीं उड़ा सकेंगे मनमर्जी से ड्रोन, ये है रोक का बड़ा कारण
Pune Police: पुणे में कुछ जगहों पर ड्रोन के उड़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है। जी-20 सम्मेलन को देखते हुए पुणे प्रशासन ने यह कदम उठाया है। पुणे पुलिस ने इसको लेकर बैन की सीमा तय कर दी है। 10 जनवरी से बैन को लागू कर दिया जाएगा। 20 जनवरी तक ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगी रहेगी। नियम के उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।
पुणे में जी 20 समिट को देखते हुए ड्रोन उड़ाने को लेकर 20 जनवरी तक लगाई गई पाबंदी
मुख्य बातें
- सेनापति बापट रोड और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के आसपास पाबंदी
- 20 जनवरी तक लागू रहेगा बैन का नियम
- 10 जनवरी से ड्रोन उड़ाने पर लग जाएगी पाबंदी
Pune News: पुणे में कुछ समय तक लोग मन मुताबिक जगहों पर ड्रोन नहीं उड़ा सकेंगे। पुणे सिटी पुलिस ने सेनापति बापट रोड और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के दो किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है। 10 से 20 जनवरी तक ड्रोन कैमरा के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बता दें कि, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में जी-20 के कार्यकारी समूह की बैठकें आयोजित की जाएंगी। पुणे शहर 16 और 17 जनवरी को इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप मीटिंग की मेजबानी करने वाला है। इसी आयोजन को देखते हुए ड्रोन उड़ाने पर पांबदी लगाने का पुणे प्रशासन ने फैसला किया है।
दो किलोमीटर के दायरे में रहेगी पाबंदीमिली जानकारी के अनुसार, पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) राजा रामास्वामी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि, 29 देशों और 15 अंतरराष्ट्रीय निकायों के लगभग 200 प्रतिनिधि शहर में जी-20 की बैठकों में भाग लेने वाले हैं। ये प्रतिनिधि सेनापति बापट रोड पर एक निजी होटल में रहेंगे और एसपीपीयू और अन्य स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेंगे। आदेश में कहा गया है कि, असामाजिक तत्वों की ओर से कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।इसी के मद्देनजर सेनापति बापट रोड और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के दो किलोमीटर के दायरे में 10 से 20 जनवरी के बीच ड्रोन पर बैन रहेगा।
नियम के उल्लंघन पर होगी कार्रवाईजानकारी के लिए बता दें कि, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973, धारा 144 के तहत यह आदेश जारी किया गया है। इस अवधि के दौरान इन सीमांकित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरा का उपयोग करते हुए पाए जाने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। बता दें कि, धारा 144 सरकारी अधिकारियों को किसी भी कानून और व्यवस्था के मामलों में आदेश जारी करने का अधिकार प्रदान करती है। वहीं, आईपीसी की धारा 188 लोक सेवक की ओर से विधिवत जारी किए गए आदेश के उल्लंघन से संबंधित है।
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