Chhattisgarh: एनकाउंटर का खौफ! 26 लाख के ईनामी चार नक्सली समेत 22 ने किया सरेंडर

Anti Naxal Operations: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कुल 26 लाख रुपए के इनामी चार नक्सलियों समेत 22 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिले में चार इनामी नक्सलियों कमली हेमला उर्फ सोमे (32), मुया माड़वी उर्फ राजेश (19), सोनू तांती (28) और महेश पुनेम (20) समेत 22 उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

Naxal Surrender

22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

Anti Naxal Operations: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में कुल 26 लाख रुपए के इनामी चार नक्सलियों समेत 22 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिले में चार इनामी नक्सलियों कमली हेमला उर्फ सोमे (32), मुया माड़वी उर्फ राजेश (19), सोनू तांती (28) और महेश पुनेम (20) समेत 22 उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाली नक्सली कमली हेमला पीएजीए बटालियन नंबर एक की सदस्य है तथा उसके सर पर आठ लाख रुपए का इनाम है।

आत्मसमर्पित माओवादी के नाम एवं पद :

  • कमली हेमला उर्फ सोमे पति कन्ना सोढ़ी उम्र 32 वर्ष जाति मुरिया साकिन मण्डीमरका कर्रेपारा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा, पद PLGA बटालियन नम्बर एक में सदस्य, घोषित ईनाम 08.00 लाख रूपये।
  • मुया माड़वी उर्फ राजेश पिता देवा माड़वी उम्र 19 वर्ष जाति मुरिया साकिन नेलाकांकेर स्कूलपारा थाना उसूर जिला पद TSC (तेलंगाना स्टेट कमेटी) अन्तर्गत सीआरसी कंपनी न0 02 में (पार्टी सदस्य), वर्ष 2023 से सक्रिय, घोषित ईनाम 08.00 लाख रूपये।
  • सोनू ताती पिता सुक्कू ताती उम्र 28 वर्ष जाति मुरिया साकिन तोड़का मासापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, पद पश्चिम बस्तर डिवीजन प्रेस टीम कमाण्डर (एसीएम), वर्ष-2008 से सक्रिय, घोषित ईनाम 05.00 लाख रूपये।
  • महेश पुनेम पिता सन्नू पुनेम उम्र 20 वर्ष जाति मुरिया साकिन पुसनार पेद्दापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद भैरमगढ़ एरिया कमेटी अन्तर्गत प्लाटून न0 13 में (पीएलजीए सदस्य) वर्ष-2023 से सक्रिय, घोषित ईनाम 05.00 लाख रूपये।
  • बुधराम ताती उर्फ सुद्दू उर्फ गट्टा पिता सुक्कू उम्र 32 वर्ष जाति मुरिया साकिन तोड़का मासापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर सावनार/कोरचोली मिलिशिया कंपनी डिप्टी कमाण्डर, वर्ष-2007 से सक्रिय।
  • सन्नू हेमला पिता गुट्टा हेमला उम्र 26 वर्ष जाति मुरिया साकिन सावनार गुण्डापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद सावनार/कोरचोली मिलिशिया कंपनी सदस्य, वर्ष-2010 से सक्रिय।
  • सोमलू मड़कम उर्फ पटेल पिता मासा मड़कम उम्र 60 वर्ष जाति मुरिया साकिन काकेकोरमा मड़कमपारा थाना बीजापुर पद पदेड़ा आरपीसी जनताना सरकार सदस्य/कृषि शाखा अध्यक्ष, वर्ष-1999 से सक्रिय।
  • हुंगा कुहराम उर्फ वड्डे उर्फ ओयाम पिता लखमा कुहराम उम्र 38 वर्ष जाति मुरिया साकिन चुटवाही स्कूलपारा थाना तर्रेम जिला बीजापुर कोत्तागुड़ा आरपीसी जनताना सरकार सदस्य/जन सम्पर्क शाखा अध्यक्ष, वर्ष-2000 से सक्रिय।
  • देवा माड़वी उर्फ बुड़ता पिता जोगा माड़वी उम्र 47 वर्ष जाति मुरिया साकिन चुटवाही स्कूलपारा थाना तर्रेम जिला बीजापुर कोत्तागुड़ा आरपीसी जनताना सरकार सदस्य/कृषि शाखा अध्यक्ष, वर्ष-2006 से सक्रिय।
  • हुंगा कट्टम उर्फ बैदी पिता हिड़मा कट्टम उम्र 37 वर्ष जाति मुरिया साकिन सिंगनपल्ली स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून बी सेक्शन कमाण्डर, वर्ष-2014 से सक्रिय।
  • पोज्जा बाड़से उर्फ जोगा पिता मासा बाड़से उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया साकिन टेकमेटला मण्डूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर गलगम आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य, वर्ष-2005 से सक्रिय।
  • नंदा मड़कम पिता मडका मड़कम उम्र 36 वर्ष जाति मुरिया साकिन चुटवाही चिट्टीपारा थाना तर्रेम जिला बीजापुर कोत्तागुड़ा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य, वर्ष-2003 से सक्रिय।
  • हुंगी कुंजाम पिता हुर्रा कुंजाम उम्र 19 वर्ष जाति मुरिया साकिन सिंगनपल्ली स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्या, वर्ष-2017 से सक्रिय।
  • हड़मा पोड़ियम उर्फ उरपा पिता बामन पोड़ियम उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया साकिन सिंगनपल्ली पटेलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर पद कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य, वर्ष-2009 से सक्रिय।
  • विज्जो कुंजाम पति आयतू कुंजाम उम्र 38 वर्ष जाति मुरिया साकिन दुगोली थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद डुमरीपालनार आरपीसी केएएमएस सदस्या, वर्ष-2020 से सक्रिय।
  • नरसी कट्टम पति पिड़गा कट्टम उम्र 48 वर्ष जाति मुरिया साकिन नेलाकांकेर स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर पद कमलापुर आरपीसी केएएमएस उपाध्यक्ष, वर्ष-2006 से सक्रिय।
  • मोती सोढ़ी पिता कुमारू सोढ़ी उम्र 37 वर्ष जाति मुरिया साकिन करका मंजारपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद डुमरीपालनार आरपीसी केएएमएस सदस्या, वर्ष-2007 से सक्रिय।
  • विज्जा उईका पिता दुला उईका उम्र 22 वर्ष जाति मुरिया साकिन कोरसागुड़ा बीरागुड़ापारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर पद कोरसागुड़ा आरपीसी सीएनएम सदस्य, वर्ष-2016 से सक्रिय।
  • कोसा पोड़ियम उर्फ लमडी कोसा पिता जोगा पोड़ियम उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया साकिन सिंगनपल्ली स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर पद डुमरीपालनार आरपीसी केएएमएस सदस्या, वर्ष-2007 से सक्रिय।
  • विजय मड़कम ऊर्फ विज्जा पिता मंगडू मड़कम उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी करका छिंदपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, पद- ग्राम करका ग्राम सेल सदस्य/संस्कृति शाखा सदस्य, वर्ष 2013 से सक्रिय।
  • बोदी कारम उर्फ करवे पति बुधरू उम्र 42 वर्ष जाति मुरिया ग्राम डुमरीपालनार सरपंच पारा थाना मिरतुर पद डुमरीपालनार RPC केएएमएस सदस्या वर्ष 2007 से सक्रिय।
  • कोसा मड़कम पिता हिड़मा मड़कम उम्र 38 वर्ष जाति मुरिया साकिन करका पटेलपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद ग्राम-करका ग्राम सेल सदस्य/संस्कृति शाखा सदस्य, वर्ष-2004 से सक्रिय।

छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और नियद नेल्लानार योजना के कारण कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा। इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। यह योजना माओवादियों को आत्मसमर्पण करने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके परिणाम स्वरूप कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में शांतिपूर्ण जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

...तो इस वजह से आत्मसमर्पण कर रहे माओवादी

माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे जिले में हो रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा, तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुंचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है।

छत्तीसगढ़ शासन की नवीन पुनर्वास नीति ने कई माओवादियों को नई उम्मीद दी है और उन्हें संगठन के भीतर शोषण और क्रूर व्यवहार से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया है। यह नीति उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की आशा देती है । इसके अलावा सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने और क्षेत्र में चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों ने भी माओवादियों को संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे हैं और अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं । यह पुनर्वास नीति छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है।

जिस प्रकार से क्षेत्र में माओवादियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही जारी है और माओवादी संगठन को काफी नुकसान हुआ है आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की आसूचना प्राप्त हो रही है। आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, केरिपु 81, 85, 153, 168, 170, 196, 199, 222, 229 एवं कोबरा 201, 202, 204, 205, 206, 208, 210 का विशेष योगदान रहा है। इस प्रकार माओवादियों के आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त बस्तर की कल्पना साकार रूप ले रहा है।

अपील- बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की है कि वे सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने बताया है कि सरकार की नवीन पुनर्वास नीति के तहत् मिलने वाले फायदों ने कई माओवादियों को आकर्षित किया है। नक्सलियों के घर वाले भी उन्हें वापस लाना चाहते हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों, जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।

संगठन छोड़ने का कारण:

छग शासन की पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार पुनर्वास योजना के तहत लाभ व परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने की सोच लिये समाज के भटके माओवादियों ने संगठन में उनके कार्यो की उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर,छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त माओवादियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 50000-50000/- रूपये पचास हजार रूपये का चेक प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किया गया।

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अनुराग गुप्ता author

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