गृहमंत्री के दौरे से पहले नक्सली शांति वार्ता को तैयार, ऑपरेशन रोकने की मांग, सरकार भी बातचीत के लिए मानी

गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। नक्सलियों के केंद्रीय समिति के ने एक पर्चा जारी करके सरकार से ऑपरेशन रोकने की मांग की है। सेंट्रल कमेटी ने पर्चे में ये स्वीकारा है कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं।

naxalites offers peace talk with government

नक्सलियों ने पर्चा लिखकर की शांति वार्ता की मांग

4 अप्रैल और 5 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले हैं। इससे पहले ही नक्सलियों से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है। नक्सलियों की केंद्रीय समिति ने एक पर्चा जारी कर के सरकार से शांति वार्ता की पहल की है। सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने इस पर्चे में लिखा है कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रुकती है, तो हम शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। ये फैसला लेने से पहले नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी ने हैदराबाद में बैठक की थी।

अभियान से दहशत में नक्सली

फिलहाल नक्सलियों के खिलाफ अभियान काफी तेजी से चलाया जा रहा है। आए दिन किसी बड़े नक्सली के मारे जाने की खबर आती है। इसी ऑपरेशन के कारण नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है।

तेलुगु भाषा में लिखे इस पर्चे में साफ तौर पर लिखा है कि वे शांति वार्ता को तैयार हैं। नक्सलियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने पर्चे में कहा है कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। यदि राज्य और केंद्र सरकार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकती है तो हम युद्धविराम के लिए तैयार हैं।

सरकार बातचीत को तैयार

इस पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी प्रकार की सार्थक वार्ता के लिए तैयार है। बशर्ते इसके लिए कोई शर्त न रखी जाए। गृहमंत्री ने कहा है कि अगर नक्सली वास्तव में मुख्यधारा की तरफ आना चाहते हैं तो उन्हें वार्ता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से साफ करना होगा।

पर्चे में क्या लिखा है

नक्सली केंद्रीय समीति के प्रवक्ता अभय ने लिखा है कि, जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा बार-बार ये बयान देते रहे कि सरकार शांति वार्ता चाहती है। तब हमारे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य और माओवाद संगठन के प्रतिनिधि विकल ने शांति वार्ता के लिए अपनी शर्त रखी थी कि जवानों को कैंप तक ही रखा जाए। इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय सरकार ने 15 महीने से सख्ती से अभियान चला रही है। इसमें हमारे 400 से अधिक नेता, कमांडर, PLGA के कई स्तर के लड़ाके मारे गए हैं। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया है।

अभय ने पर्चे में लिखा है कि इसके लिए हमारा प्रस्ताव है कि केंद्र और राज्य सरकारें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हो रहे हत्याओं और नरसंहार को रोकें। नए सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकें। अगर केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं, तो हम तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे।

देश से नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन

पिछले दिनों के गृहमंत्री अमित शाह ने एक डेडलाइन देते हुआ कहा था कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। 4 अप्रैल और 5 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा है।

इस साल अब तक नक्सलियों से 11 बार मुठभेड़ हो चुकी है, जिसमें 142 नक्सली मारे गए हैं। हाल ही में, 29 मार्च को सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर हुए मुठभेड़ में 16 नक्सली ढेर हुए थे। साल 2024 में 10 बड़े एनकाउंटर हुए थे, जिसमें 163 नक्सली मारे गए थे।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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