छत्तीसगढ़ः बन गया है BJP का 'विजय प्लान', ये सिपाहसलार संभालेंगे सूबे में चुनाव रथ की कमान
Chhattisgarh Elections 2023: फिलहाल छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार है। इस साल के अंत में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं। इलेक्शंस के लिए विपक्षी दल भाजपा ने 17 अगस्त, 2023 को 21 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची में कुल 21 उम्मीदवारों को टिकट बांटे, जिनमें तीन सामान्य श्रेणी, आठ ओबीसी कैटेगरी, नौ एसटी और एक एससी जाति से है। भाजपा के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया था कि पार्टी ने ज्यादातर ऐसी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां पार्टी को कमजोर माना जा रहा है और जिनपर पार्टी को लगातार हार मिल रही थी। पहली लिस्ट के कैंडिडेट्स में एक सांसद (एमपी), एक पूर्व एमपी, तीन पूर्व विधायक, दो दूसरे दलों से आए और 14 नए चेहरे शामिल किए गए हैं।
खास तौर पर सूबे में पार्टी की ओर से दिग्गज चेहरों या स्टार सिपाहसलारों की बात करें तो इनमें: विजय बघेल, मनीराम कश्यप, संजीवसाहा, विक्रांत सिंह और अलका चंद्राकर हैं। पाटन से विजय मौजूदा सीएम भूपेश बघेल को पूर्व में हरा चुके हैं। कश्यप (बस्तर से) जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं। मानपुर से ताल्लुक रखने वाले साहा राज परवरिवार से रिश्ता रखते हैं। सिंह फिलहाल जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं और खैरागढ़ से नाता रखते हैं, जबकि खल्लारी से जुड़ाव रखने वाली अलका जिला पंचायत सदस्य हैं।
सीनियर पत्रकार और सियासी विश्लेषक आर कृष्ण दास ने पीटीआई को बताया था कि भाजपा की सूची में उन सीटों को शामिल किया है जो निर्विवाद हैं और जहां उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी के भीतर कोई आंतरिक मतभेद नहीं हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा इन सभी 21 सीटों में हार गई थी। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को इनमें से 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
दास के अनुसार, ज्यादातर सीटों पर जिला पंचायत के प्रतिनिधियों को मैदान में उतारा गया है, जिससे पता चलता है कि भाजपा राज्य में अपने पुराने चेहरों की जगह दूसरे पायदान के नेताओं के साथ चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस रही है। पार्टी ने जाति समीकरण को बनाए रखने की भी कोशिश की है क्योंकि सूची में चार उम्मीदवार 'साहू' समुदाय के हैं और दो 'कुर्मी' हैं, उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में दोनों समुदाय प्रमुख हैं।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, जल्द सूची जारी करने से इन सीटों पर उम्मीदवारों को काम करने का अधिक मौका मिले सकेगा वहीं कार्यकर्ता भी उत्साह से काम कर सकेंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के अंत तक विधानसभा के चुनाव होना है। हालांकि, 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी नहीं हुई है।
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