छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी कांड का राज अब तक दफन, नक्सली हमले में मारे गए थे कांग्रेस नेताओं समेत 30 लोग

Jheeram Ghati Attack Incident: छत्तीसगढ़ में 10 साल पहले हुआ झीरम घाटी नक्सल हमले के राज पर अब भी पर्दा डाला हुआ है। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल के अलावा बस्तर के टाइगर के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के अलावा अन्य कांग्रेसियों सहित सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हमले में कुल 30 लोग मारे गए थे।

झीरम घाटी कांड में हुई कई कांग्रेस नेताओं की हत्या (प्रतीकात्मक तस्वीर-bccl)

Jheeram Ghati Attack Incident: छत्तीसगढ़ में 10 साल पहले हुआ झीरम घाटी नक्सल हमला अब भी लोगों को सताने वाला है। इसकी वजह है क्योंकि इस हमले के राज पर अब भी पर्दा डाला हुआ है। झीरम घाटी सुकमा जिले में आती है यहां से 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा गुजर रही थी, इस यात्रा पर घात लगाए बैठे सैकड़ों नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल के अलावा बस्तर के टाइगर के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के अलावा अन्य कांग्रेसियों सहित सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हमले में कुल 30 लोग मारे गए थे। कांग्रेस की एक पूरी नेताओं की कतार खत्म हो गई थी, इस हमले में। नक्सलियों के हमले को हुए 10 वर्ष गुजर गए हैं, मगर अब तक यह बात सामने नहीं आ पाई है कि आखिर यह हमला क्यों और किन लोगों ने किया था, जिसमें साजिश की थी। सियासी तौर पर अब भी वार पलटवार का दौर जारी रहता है।
संबंधित खबरें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि झीरम घाटी हत्याकांड हमारे लिए भावनात्मक है। यह पहला ऐसा हमला था जिसमें नाम पूछपूछकर लोगों के मारा गया। इस हमले में जिंदा बच कर आए लोगों से एनआईए ने पूछताछ नहीं की है। इस मामले की एनआईए न जांच कर रही है न जांच करने दे रही है। एनआईए जो जांच हुई है उसकी कॉपी भी नहीं दे रही है। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ, लेकिन झीरम घाटी की फाइल को राजभवन में जमा किया गया है बीजेपी कुछ न कुछ छुपाने की कोशिश कर रही है।
संबंधित खबरें
उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे लिए भावनात्मक मामला है पहली बार ऐसा हुआ था कि नक्सलियों ने नाम पूछ पूछ कर लोगों को मारा। तेलंगाना में पकड़े गए नक्सलियों से आखिर एनआईए ने पूछताछ क्यों नहीं की, इतना ही नहीं जज का ट्रांसफर करा दिया गया उनके घर में सुतली बम फेंका गया। स्पष्ट है कि भाजपा इस मामले को दबाना चाहती है छुपाना चाहती है।
संबंधित खबरें
End Of Feed