Chhattisgarh liquor policy: CM बघेल बोले-BJP सरकार में बनी थी शराब नीति, ED के आरोप 'मनगढ़त'

Chhattisgarh liquor policy : ED ने रविवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर बोतल’पर ‘अवैध रूप’से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के ‘अभूतपूर्व’भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किए गए हैं।

bhupesh baghel

ईडी ने छत्तीसगढ़ सरकार की शराब नीति पर सवाल उठाए हैं।

Chhattisgarh liquor policy : छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रतिक्रिया दी। सीएम बघेल ने कहा कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं, राज्य सरकारों को बदनाम करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जरिए साजिश रची जाती है। ईडी ने जिस शराब नीति पर सवाल उठाए हैं, वह नीति 2017 में भाजपा सरकार में बनी थी। जांच एजेंसी ने जो आरोप लगाए हैं वे सही नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय एजेंसियों पर भाजपा के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी का काम चुनावों के समय भाजपा की मदद करना हो गया है।

ED का दावा-2000 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ

बता दें कि ED ने रविवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर बोतल’पर ‘अवैध रूप’से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के ‘अभूतपूर्व’भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किए गए हैं। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अनवर को एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शनिवार तड़के रायपुर के एक होटल से तब गिरफ्तार किया, जब वह ‘पिछले दरवाजे से भागने’ की कोशिश कर रहे थे।

गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी ने बदले सिम कार्ड्स

बता दें कि ईडी ने गत मार्च में कई जगहों पर छापेमारी की और कई लोगों के बयान दर्ज किए। अनवर को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने उन्हें रायपुर में पीएमएलए कोर्ट के समक्ष पेश किया। यहां से उन्हें चार दिनों की जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी का कहना है कि गिरफ्त में आने से बचने के लिए अनवर बेनामी सिम कार्ड्स एवं अलग-अलग इंटरनेट डोंगल का लगातार इस्तेमाल कर रहे थे। जांच एजेंसी लगातार उन्हें ट्रैक कर रही थी जिसके बाद एक होटल में उनका ठिकाना मिला।

भ्रष्टाचार के लिए व्यापक नेटवर्क तैयार करने का आरोप

जांच एजेंसी का कहना है, ‘जांच में पाया गया कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था। अनवर ढेबर एक आम नागरिक हैं लेकिन वह उच्च-स्तरीय राजनीतिक प्राधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों की ओर से पैसे लेते थे। उन्होंने एक व्यापक साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों/इकाइयों का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से धन एकत्रित किया जा सके।’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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