Chhattisgarh News: 'कृषि में पारंपरिक ज्ञान के उपयोग से ही संभव है जलवायु परिवर्तन का सामना'

Chhattisgarh Agriculture News: निकरा परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

प्रतीकात्मक फोटो

Raipur News:छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के जिले में जलवायु सहनशील कृषि हेतु नवाचार (निकरा) परियोजना संचालित करने वाले 11 कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय वार्षिक समीक्षा कार्यशाला का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय विस्तार सेवाएं में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन मोहन मण्डावी, सदस्य, कृषि संसदीय समिति, भारत सरकार एवं सांसद, कांकेर के मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. व्ही.के. सिंह, निदेशक, केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने की।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि मोहन मण्डावी ने इस अवसर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं रसायनों के उपयोग को कम करने हेतु जोर दिया, साथ ही कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान का उपयोग अधिक से अधिक करने की आवश्यकता बतलाई। श्री मण्डावी ने कहा कि पहले कृषक अपने पारंपरिक ज्ञान के आधार पर मौसम आधारित खेती करते थे, जिससे सभी कार्य समय पर एवं मौसम की प्रतिकूलता से बचाव के साथ होता था। उन्होंने कृषि एवं संबंधित विषयों पर स्थानीय भाषा में कृषकों को सलाह देने हेतु वैज्ञानिकों को निर्देशित किया।

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